नई दिल्ली, 06 मई (हि.स.)। कोविड-19 महामारी के बीच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। उन्होंने कोरोना संकट से निपटने के दिशा में प्रभावी कदम नहीं उठाने को लेकर केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए सवाल किया कि सरकार के पास 17 मई के बाद क्या रणनीति है? बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र से आर्थिक पैकेज की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर आर्थिक मदद नहीं मिली तो कोरोना के खिलाफ लड़ाई कमजोर हो जाएगी। बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, राहुल गांधी एवं अन्य नेता शामिल हुए।
कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बुधवार को हुई बैठक में सोनिया गांधी ने लॉकडाउन को लेकर केंद्र सरकार की नीति पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार किस मापदंड के आधार पर यह तय करेगी कि लॉकडाउन और कितने समय तक जारी रहेगा। उन्होंने पूछा कि ’17 मई के बाद क्या और कैसे होगा? आखिर कब तक लोगों को घरों में बंद रहना पड़ेगा। क्या सरकार ने इस समस्या से उबरने के लिए कोई योजना तैयार की है?’
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि यह बात जानना आवश्यक है कि सरकार लॉकडाउन-3 के बाद अगला कदम क्या उठाएगी? उन्होंने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी कहा कि राज्यों को केंद्र से पूछना चाहिए कि लॉकडाउन को लेकर क्या रणनीति है क्योंकि कोरोना समस्या से निपटने के लिए राज्यों को भी पर्याप्त संसाधन और समय की जरूरत होगी।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कोविड-19 से लड़ने की रणनीति का मुख्य उद्देश्य उन बुजुर्गों की रक्षा करना है, जो मधुमेह, उच्च रक्तचाप एवं हृदय की बीमारियों से ग्रस्त हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करेगी, ऐसे में लोगों तथा राज्यों को सशक्त करने की जररूत है।
पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि राज्यों को आर्थिक मदद की जरूरत है लेकिन सरकार पैसा आवंटित नहीं कर रही है जबकि राज्यों के हालात तथा लोगों की जरूरतों को लेकर अक्सर समाचार पत्रों में खबरें आ रही हैं। राज्य सरकारें मांग भी कर रही हैं लेकिन मोदी सरकार ने अपनी आंखें मूंद रखी है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैठक के दौरान कहा कि जब तक व्यापक प्रोत्साहन पैकेज नहीं दिया जाता, तब तक राज्य और देश कैसे चलेंगे? हमने 10,000 करोड़ का राजस्व खो दिया है। राज्यों ने आर्थिक पैकेज के लिए बार-बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अनुरोध किया है लेकिन भारत सरकार सुन नहीं रही है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उन्होंने दो समितियों का गठन किया है। इसमें एक कमेटी लॉकडाउन से बाहर आने के बारे में और दूसरी कमेटी आर्थिक पुनरुद्धार पर विचार करेगी। उन्होंने बताया कि चिंता का विषय यह है कि दिल्ली में बैठे लोग ज़ोन के वर्गीकरण का फैसला कर रहे हैं, जिन्हें जमीनी हकीकत का अंदाजा भी नहीं है।
बैठक में पुडुचेरी के सीएम वी. नारायणसामी ने कहा कि भारत सरकार राज्यों से परामर्श किए बिना क्षेत्रों के बारे में निर्णय ले रही है, जिससे विषम स्थिति पैदा हो रही है। साथ ही राज्यों द्वारा मांगे जा रहे आर्थिक पैकेज पर केंद्र सरकार चुप्पी साधे हुए है। ऐसे में कोरोना के खिलाफ लड़ाई काफी कमजोर होती दिख रही है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कहा कि राज्य गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। उन्हें तत्काल सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है। अगर केंद्र से मदद नहीं मिलती है तो भविष्य में कामगारों और नौकरीपेशा लोगों को वेतन दे पाना मुश्किल होगा।