कांग्रेस ने कोरोना वैक्सीन के मूल्य और निर्यात पर उठाए सवाल
नई दिल्ली, 17 जनवरी (हि.स.)। भारत-बायोटेक निर्मित कोरोना के स्वदेशी टीके ‘कोवैक्सीन’ के ट्रायल से पूर्व ही आपात इस्तेमाल पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस ने अब इसके मूल्य और निर्यात को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है। पार्टी ने कहा कि जब देश की जनता को ही वैक्सीन पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं है तो फिर इसका विदेशों में निर्यात क्यों किया जा रहा है। पार्टी ने पूछा है कि नि:शुल्क कोरोना वैक्सीन किसे, कहां और कितने लोगों को मिलेगी।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने रविवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि जब भारत की जनता को ही वैक्सीन पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं है तो फिर ब्राजील को इसका निर्यात क्यों किया जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा है कि जब देशवासियों के लिए ही वैक्सीन कम पड़ सकते हैं तो ऐसे में दूसरे देशों को इस भेजने के पीछे सरकार की सोच क्या है? उन्होंने कहा कि ‘सभी के लिए कोरोना वैक्सीन’ मोदी सरकार की घोषित नीति होनी चाहिए।
वहीं वैक्सीन विकसित करने वाले वैज्ञानिकों को धन्यवाद देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि भारत ने यह आत्मनिर्भरता 4-6 वर्षों में अर्जित नहीं की है। यह आजादी के बाद 73 साल की मेहनत का नतीजा है कि आज दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में गर्भवती माताओं-बच्चों सहित हम 40 करोड़ मुफ़्त टीके प्रतिवर्ष देश के नागरिकों को लगाते हैं। उन्होंने कीमतों पर सवाल उठाते हुए कहा कि नि:शुल्क कोरोना वैक्सीन किसे, कहां और कितने लोगों को मिलेगी? सरकार को इन सवालों के जवाब देने चाहिए।
सुरेजवाला ने कहा कि भारत के ड्रग कंट्रोलर वी.जी. सोमानी के अनुसार, मोदी सरकार ने कोरोना वैक्सीन की 16.5 मिलियन (165 लाख) खुराक मंगाई है। हर व्यक्ति को दो खुराक दिए जाने पर यह वैक्सीन 82.50 लाख डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मियों आदि को ही दी जा सकेगी, जबकि मोदी सरकार दावा कर रही है कि पहले राउंड में वैक्सीन तीन करोड़ लोगों को दी जाएगी। ऐसे में 135 करोड़ नागरिकों को कोरोना वैक्सीन कैसे मिलेगी, इस पर सरकार को यह बात स्पष्ट करनी चाहिए।
वहीं ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोरोना टीके ‘कोविशील्ड’ के लिए अतिरिक्त पैसा दिए जाने को लेकर भी कांग्रेस नेता ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) केंद्र सरकार को 200 रुपए/खुराक की दर से वैक्सीन दे रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि केंद्र सरकार एसआईआई को एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के लिए 295 रुपए/डोज क्यों दे रही है। जबकि उन्होंने वैक्सीन, ‘बिना कोई मुनाफा कमाए’ देने का वादा किया है।
उल्लेखनीय है कि ब्राजील के राष्ट्रपति बोलसोनारो ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कोरोना के 20 लाख वैक्सीन की मांग की थी, जिस पर भारत सरकार ने वैक्सीन भेजने की इजाजत दे दी। सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित कोविशील्ड की 20 लाख डोज को ब्राजील ले जाने के लिए ब्राजील का एक विमान भारत पहुंच चुका है। इसी को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाया है।