किसानों, बुजुर्ग-दिव्यांगों तथा जनधन खातों में तत्काल ट्रांसफर किए जाएं 7500 रुपये : कांग्रेस
नई दिल्ली, 20 अप्रैल (हि.स.)। कांग्रेस पार्टी ने कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव को लेकर देशभर में जारी लॉकडाउन के कारण समस्याग्रस्त लोगों की मदद के लिए एक बार फिर केंद्र सरकार से नकदी हस्तांतरण की मांग की है। हालांकि विपक्षी पार्टी ने मुख्य रूप से जनधन खाता, पीएम-किसान योजना के तहत किसानों के खातों तथा बुजुर्ग-दिव्यांगों एवं विधवाओं के खाते में 7500 रुपये की राशि ट्रांसफर किए जाने का सुझाव दिया। इसके अलावा किसानों की फसलों गेहूं, चना और सरसों को उचित मूल्य पर खरीदे जाने को भी जरूरी बताया।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि कोविड-19 (कोरोना वायरस) महामारी की रोकथाम तथा लॉकडाउन की वजह से परेशान लोगों को राहत पहुंचाने जैसे मुद्दे पर विचार कर उपाय तलाशे जाने के लिए कांग्रेस की गठित सलाहकार समूह की सोमवार को पहली बैठक हुई। इस बैठक में प्रमुख रूप से लोगों के खाते में डायरेक्ट कैश ट्रांसफर किए जाने को जरूरी बताने के साथ किसानों की फसलों को उचित मूल्य पर खरीदे जाने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी 11 सदस्यों ने भाग लिया।
जयराम रमेश ने कहा कि लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रमों पर बड़े प्रभाव को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। उन्होंने छोटे दुकानदारों व व्यापारियों को मदद के पहुंचाने की दिशा में डायरेक्ट कैश ट्रांसफर सबसे उपयोगी साधन है। ऐसे में हमारा पहला सुझाव नकदी हस्तांतरण का ही है। इसके तहत जन धन खाते में 7500 रुपये जमा कराए जाने चाहिए। वहीं ग्रामीण विकास मंत्रालय में बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं के लिए पेंशन का प्रावधान है। इसके बावजूद लोगों को पैसों की बड़ी दिक्कत हो रही है। ऐसे में कांग्रेस की मांग है कि इनके खातों में भी 7500 रुपये जमा किए जाएं। इसके साथ पीएम-किसान योजना के अंतर्गत किसानों को भी 7500 रुपये दिए जाने चाहिए।
कांग्रेस नेता कहा कि फसलों की कटाई और उनकी खरीदी को लेकर आजकल किसान परेशान हैं। उस पर बेमौसम बारिश उनकी मेहनत पर भी पानी फेर रहा है। ऐसे में सलाहकार समूह ने चर्चा के बाद यह तय किया है कि सरकार को गेहूं, चना और सरसों आदि फसलों की खरीद को लेकर योजना बनानी चाहिए ताकि किसानों को इसका उचित मूल्य मिल सके।
जयराम रमेश ने कहा कि सलाहकार समूल की कोशिश सिर्फ रचनात्मक सुझावों से सरकार की मदद करने की है। ऐसे में उनकी टीम सुझावों का एक प्रस्ताव तैयार कर दो दिनों में केंद्र सरकार को सौंपेगी। उन्होंने दोहराया कि भले ही सरकार से हमारे मतभेद हो सकते हैं, मगर संकट की इस घड़ी में हम सरकार को सुझाव देते रहने के प्रति प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिस तरह कांग्रेस रचनात्मक ढंग से सरकार का सहयोग कर रही है, केंद्र भी उसी सकारात्मकता के साथ उनकी सिफारिशों और सुझावों पर गौर करेगा।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 (कोरोना वायरस) महामारी के प्रकोप के बीच कांग्रेस ने देश के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर पार्टी का रुख तय करने के लिए 11 सदस्यीय सलाहकार समूह का गठन किया है। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाले समूह में राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, पी. चिदंबरम, मनीष तिवारी, जयराम रमेश, गौरव वल्लभ, सुप्रिया श्रीनेत, कांग्रेस के डेटा विश्लेषण विभाग के प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती और पार्टी के सोशल मीडिया विभाग के प्रमुख रोहन गुप्ता शामिल हैं।