नई दिल्ली, 03 अगस्त (हि.स.)। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में सैन्य बलों की तैनाती और अमराथ यात्रा को रोके जाने से जुड़े फैसले को लेकर चिंता जताई है और कहा है कि कोई भी गलत कदम उठाने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
कांग्रेस मुख्यालय पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने एकसाथ प्रेसवार्ता कर कश्मीर के हालात और राज्य के लोगों में भय और घबराहट होने की बात कही। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सरकार क्या करने जा रही है, इसके बारे में अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन किसी भी गलत कदम उठाने के गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कश्मीर में सुरक्षा बल बढ़ाए जाने और वहां की स्थिति से देश को अवगत कराने के लिए वक्तव्य देना चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद चल रही है और इस पर प्रधानमंत्री को संसद में बयान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कश्मीर में आज से पहले ऐसे हालात नहीं बने हैं।
आजाद ने कहा कि सरकार अनुच्छेद 35ए को हटाने जा रही है जिससे भाजपा का वोट आधार बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के अलावा हिमाचल, उत्तराखंड, उत्तर-पूर्व के राज्यों में भी दूसरे राज्य के लोग जमीन नहीं खरीद सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर के नेता डॉ. करण सिंह ने कहा कि कश्मीर में आज से पहले कभी ऐसे हालात पैदा नहीं हुए। विकास ठप पड़ गया है और राज्य को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि यह मौसम राज्य के लोगों के लिए आजीविका का होता है और इस समय ऐसी स्थिति के चलते लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
कांग्रेस नेत्री अंबिका सोनी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में शनिवार को जम्मू-कश्मीर नीति योजना समूह की बैठक हुई है। बैठक में कश्मीर के हालात पर चिंता जाहिर की गई है।