गुवाहाटी, 14 सितम्बर (हि.स.)। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर राज्य में जमकर राजनीति हो रही है। एक बड़ा वर्ग इसको लेकर बेहद परेशान है। इस बीच एनआरसी प्रबंधन ने शनिवार को संपूर्ण सूची ऑन लाइन उलब्ध करा दी है। गत 31 अगस्त, 2019 को एनआरसी की अंतिम सूची जारी की गई थी। हालांकि अंतिम सूची में केवल उन्हीं व्यक्तियों का नाम प्रकाशित हुआ था, जिनका नाम नए सिरे से शामिल किया गया था। पहली व दूसरी मसौदा सूची में जोड़े गये नामों को सूची में दर्शाया नहीं गया था।
शनिवार को जारी की गई सूची में पूरे परिवार का नाम एक साथ प्रकाशित हो गया है। यानी पहली और दूसरी मसौदा सूची में प्रकाशित नाम और अंतिम सूची में प्रकाशित नामों को एक साथ जोड़ दिया गया है। कोई भी व्यक्ति एनआरसी की वेबसाइट पर जाकर अपना एआरएन नंबर डालकर जैसे ही सर्च करेगा, उसके पूरे परिवार का डाटा एक साथ सामने आ जाएगा। लंबी जद्दोजहद के बाद सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में गत 31 अगस्त को अंतिम सूची प्रकाशित हुई थी। उसके आधार पर राज्य के तीन करोड़ 11 लाख 21 हजार चार लोगों का नाम एनआरसी में शामिल किया गया है। एनआरसी के लिए आवेदन करने वाले 19 लाख 6 हजार 657 लोगों का नाम सूची से बाहर कर दिया गया है।
कहा जा रहा है कि एनआरसी से बाहर किए गए लोगों में अधिकांशतः भारतीय नागरिक हैं। जिनका नाम तथ्यों की कमी के चलते बाहर किया गया है। एक तबका यह भी आरोप लगा रहा है कि एक षड्यंत्र के तहत जानबूझकर ज्यादातर हिंदू बंगालियों का नाम सूची से बाहर रखा गया है। इसको लेकर सत्ताधारी पार्टी और विपक्षी पार्टी कांग्रेस एक-दूसरे पर आरोप और प्रत्यारोप लगा रही हैं। दोनों ही पार्टियाें ने भारतीयों की मदद करने के लिए पार्टी स्तर पर सभी तरह की कानूनी मदद मुहैया कराने के लिए अपना-अपना अभियान आरंभ किया है।