नई दिल्ली, 31 मई (हि.स.)। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे अंडमान एवं निकोबार कमांड के 15वें कमांडर-इन-चीफ के रूप में ने 01 जून को पदभार संभालेंगे। वह नेशनल डिफेंस एकेडमी के छात्र रहे हैं। उन्होंने दिसम्बर 1982 में जनरल ऑफिसर ऑफ कोर ऑफ इंजीनियर्स (कमीशन) बॉम्बे सैपर्स में कार्यभार संभाला। वह स्टाफ कॉलेज, केम्बरली (यूनाइटेड किंगडम) से स्नातक हैं। उन्होंने आर्मी वॉर कॉलेज, महू और दिल्ली के नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) में हायर कमांड कोर्स में पढ़ाई की है।
अपनी 37 वर्षों की विशिष्ट सेवा के दौरान जनरल ऑफिसर ने ऑपरेशन विजय और पराक्रम में सक्रियता से भाग लिया। वह जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास इंजीनियर रेजिमेंट, इन्फैंट्री ब्रिगेड, पश्चिमी लद्दाख के उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र में एक माउंटेन डिवीजन और एक कोर के साथ तैनात रहे। उन्होंने उत्तर पूर्व में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशंस क्षेत्र में भी कम किया है। उन्हें इथियोपिया और इरिट्रिया में संयुक्त राष्ट्र मिशन में मुख्य अभियंता के रूप में नियुक्त किया गया। वह अंडमान और निकोबार कमांड के 15वें कमांडर-इन-चीफ बनने से पहले अनुशासन, सेरेमोनियल और कल्याण के विषयों से संबंधित सेना मुख्यालय में महानिदेशक थे।
इस बीच ऑफ अंडमान एंड निकोबार कमांड के 14वें कमांडर-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल पोडली शंकर राजेश्वर 31 मई 2020 को सेवानिवृत्त हो गए। उन्होंने अपने चार दशक के विशिष्ट करियर में एक शानदार विरासत और कई मील के पत्थर छोड़े। इस पद पर उनकी नियुक्ति 01 दिसम्बर 19 को हुई थी। लेफ्टिनेंट जनरल राजेश्वर को विशिष्ट सेवा के लिए 26 जनवरी 2020 को परम विशिष्ट सेवा पदक (पीवीएसएम) से सम्मानित किया गया। नवम्बर 2019 में उन्हें भारत के राष्ट्रपति के लिए मानद सहयोगी-डे-कैंप (एडीसी) के रूप में नियुक्त किया गया।