गोरखपुर, 26 जुलाई (हि.स.)। गोरखपुर में अपनी कार्यशैली के लिए जाने-जाने वाले जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पण्डियन को उनके मूल कैडर में वापस भेज दिया गया है। यहां की कमान विजय किरण आनंद के हाथों में सौंपी गई है। अब ये नए जिलाधिकारी के रूप में मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर को संवारेंगे। विजय किरण मूल रूप से बंगलूरु के रहने वाले हैं।
लंबे समय से गोरखपुर के डीएम रहे के विजयेंद्र पांडियन का रविवार की देर रात स्थानांतरण होने के बाद वर्ष 2009 बैच के आईएएस अधिकारी विजय किरण आनंद को गोरखपुर का नया डीएम बनाया गया है। इससे पहले वे महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परिजयोजना निदेशक के पद पर तैनात थे।
तेज-तर्रार अफसरों में होती है गिनती
विजय किरण आनंद की गिनती 2009 बैच के तेज तर्रार आईएएस अफसरों में होती है। मूल रुप से बंगलूरु के रहने वाले विजय किरण की पहली पोस्टिंग बागपत में एसडीएम के पद पर हुई थी। इसके बाद वे सीडीओ बाराबंकी बने। बतौर डीएम उन्होंने शाहजहांपुर और वाराणसी में कुशलता पूर्वक काम किया है। प्रयागराज कुम्भ-2019 के मेलाधिकारी भी रहे। इसके बाद वे उत्तर प्रदेश महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परिजयोजना निदेशक के पद पर तैनात रहे। यहां से सीएम योगी ने उन्हें अपने गृह जनपद गोरखपुर का डीएम बनाने की स्वीकृति दी है।
इससे मिली पहचान
विजय किरण आनंद ने शाहजहांपुर में बतौर डीएम रहते हुए खुले पर शौच के खिलाफ अभियान चलाया था। अतिक्रमण करने वालों पर भी उनकी पैनी निगाह रहती है। अनुशासन प्रिय और सख्त मिजाज अफसरों में गिने जाने वाले विजय किरण आनंद ने हमेशा जनता की समस्याओं के निपटारे पर फोकस किया है। लापरवाही के खिलाफ वे हमेशा सख्त रहते हैं।
रीना ने विजय को बताया था भगवान
शाहजहांपुर में महज 12 दिन के कार्यकाल के दौरान उन्होंने मानवता की मिसाल पेश की थी। देश भर में चर्चा में आ गए थे। एक सरकारी हॉस्पिटल में निरीक्षण के लिए पहुंचे विजय किरण आनंद उस समय भावुक हो गए थे, जब उन्हें हॉस्पिटल में दर्द से कराहते एक 23 वर्षीया लड़की को देखा था। खून के अभाव में बंद हो चके इलाज की बात सुन खुद ही ब्लड डोनेट किया था। स्वस्थ हुई लड़की रीना ने उन्हें अपना भगवान बताकर इनके कद को और ऊंचा कर दिया था।