28 जुलाई: इतिहास के पन्नों में
फिंगर प्रिंट को पहचानः हर व्यक्ति का चेहरा अलग-अलग होता है लेकिन एक जैसी दिखने वाली हाथों की लकीरें, पुख्ता तौर पर हर किसी की अलग-अलग होती है। हाथों की लकीरें वैसे तो सभी में एक जैसी ही दिखायी देती हैं लेकिन दुनिया के किसी भी व्यक्ति का फिंगर प्रिंट किसी भी दूसरे से हरगिज नहीं मिल सकता। सर विलियम जेम्स हर्शेल ने दुनिया के समक्ष इस बात को प्रमाणित किया कि हस्ताक्षर की बजाय उंगलियों की छाप किसी भी व्यक्ति की पहचान का बेहतर माध्यम है। खगोल वैज्ञानिक के परिवार में 28 जुलाई 1858 को पैदा होने वाले विलियम जेम्स का मानना था कि हाथ से लिखे की नकल कोई भी कर सकता है लेकिन उंगलियों की छाप अलग-अलग होती है जिसकी नकल कोई नहीं कर सकता। इसी का नतीजा है कि उंगलियों की छाप को आज दुनिया भर में मान्यता है।
1586ः सर थामस हेरिओट ने यूरोप को आलू के बारे में बताया।
1741ः कैप्टन बेरिंग ने माउंट सेंट एलियास, अलास्का की खोज की।
1821ः पेरू ने स्पेन से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की।
1866ः अमेरिका में मापने की मीट्रिक प्रणाली को वैधानिक मान्यता मिली।
1914ः प्रथम विश्वयुद्ध की शुरुआत।
1914ः एसएस कामागाता मारू को कनाडा के वेंकुवर से निकाला गया और भारत के लिए रवाना किया गया।
1925ः हेपेटाइटिस का टीका तलाशने वाले बारुक ब्लामर्ग का जन्म। इसी वजह से 28 जुलाई को हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है।
1979ः चरण सिंह देश के पांचवें प्रधानमंत्री बने।