06 नवंबर इतिहास के पन्नों में

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अभिनय का बेमिसाल अंदाजः अभिनय का ध्रुवतारा माने जाने वाले संजीव कुमार अपने निधन के 30-35 वर्षों बाद आज भी बड़ी शिद्दत से अपने चाहने वालों के बीच याद किये जाते हैं। उनके अभिनय के विभिन्न शेड्स, बेहतरीन अदाकारी के लिये याद किये जाते हैं। जिनमें ‘खिलौना’ का पागल, ‘कोशिश’ में गूंगे-बहरे का रोल, ‘संघर्ष’ में दिलीप कुमार के सामने संजीव कुमार का अंदाज, ‘नया दिन नयी रात’ में नौ अलग-अलग रोल, ‘शोले’ के ठाकुर जैसे अनगिनत किरदार हैं। संजीव कुमार का 6 नवंबर 1985 को निधन हो गया।

9 जुलाई 1938 में सूरत में एक गुजराती वैश्य परिवार में पैदा हुए संजीव कुमार का पूरा नाम हरीभाई जरीवाला था। 1960 से 1984 तक फिल्मों में सक्रिय रहे संजीव कुमार ने तकरीबन लगभग 125 फिल्मों में छोटी-बड़ी भूमिकाएं कीं। शुरुआती दौर में वे रंगमंच से भी जुड़े।उन्होंने दिलीप कुमार, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र जैसे बेजोड़ फिल्मी सितारों के बीच अपनी अलग पहचान बनायी। फिल्मी जीवन काल में उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अतिरिक्त फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता व सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार मिला। आजीवन कुंवारे रहे संजीव कुमार का 47 वर्ष की बेहद कम उम्र में निधन हो गया।

अन्य अहम घटनाएं:

1763: ब्रिटिश फौज ने मीर कासिम को पराजित किया।

1813: मैक्सिको ने स्पेन से स्वतंत्रता हासिल की।

1860: अब्राहम लिंकन अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति चुने गए।

1937: पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा का जन्म।

1990: नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने।

2000: लगातार 23 वर्षों तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहने के बाद ज्योति बसु ने पद छोड़ा।

2010: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धार्थ शंकर राय का निधन।


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