25 नवंबर इतिहास के पन्नों में

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एसटीडी सर्विस की शुरुआतः 25 नवंबर 1960 को देश में पहली बार एसटीडी सेवा यानी सब्सक्राइबर ट्रंक डायलिंग की शुरुआत हुई। कानपुर से लखनऊ के बीच पहली बार इस सेवा की शुरुआत हुई, जब कानपुर से लखनऊ के बीच कॉल लगाया गया। आगे चलकर देश के दूसरे तमाम शहर और जिले एसटीडी के जरिये आपस में जुड़ते गए। देश में यह उस क्रांति की शुरुआत थी जो अलग-अलग समय से होकर आज तकनीकी युग में तब्दील हुआ।

एसटीडी की शुरुआत से पहले टेलीफोन की बातचीत के लिए ट्रंक कॉल सेवा हुआ करती थी। इसमें टेलीफोन उपभोक्ता पहले ऑपरेटर को फोन लगाता था और उपभोक्ता जिस व्यक्ति से बातचीत करना चाहता है, ऑपरेटर उससे बातचीत कराता था। एसटीडी सेवा बहाल होने के बाद उपभोक्ता ऑपरेटर की मदद के बिना सीधे इच्छुक व्यक्ति से बातचीत करने में सक्षम हुआ। एसटीडी के आने से देश में किसी भी स्थान पर किसी भी समय टेलीफोन पर दो व्यक्तियों की आपस में बातचीत सरल हो गयी। इस सेवा के लिए तमाम स्थानों के लिए एसटीडी कोड जारी हुआ। एसटीडी सेवा के इस्तेमाल के लिए निर्धारित स्थान के एसटीडी कोड के साथ उपभोक्ता का टेलीफोन नंबर डायल करना होता था। एसटीडी कोड के साथ टेलीफोन नंबर मिलाकर 10 अंक होते थे।

एसटीडी सेवा शुरू होने का नतीजा यह हुआ कि जगह-जगह आईएसडी पीसीओ बूथ खुलने लगे। 1990 के दशक में टेलीफोन बूथ बड़ी संख्या में रोजगार का जरिया बन गए और शहरों से लेकर कस्बों तक हर जगह इसकी सुविधा मिलने लगी। हालांकि दो दशक के भीतर मोबाइल फोन की क्रांति ने उतनी ही तेजी से इस कारोबार को समेटकर रख दिया। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2008 में देशभर में बूथों की संख्या सबसे अधिक 50 लाख तक पहुंच गयी लेकिन 2015 तक इनकी संख्या केवल 5.77 लाख रह गयी।

अन्य अहम घटनाएंः

1890ः भारत के सुप्रसिद्ध भाषाविद् सुनीति कुमार चटर्जी का जन्म।

1894ः बिहार के दूसरे मुख्यमंत्री रहे दीप नारायण सिंह का जन्म।

1898ः मशहूर फिल्म निर्देशक देवकी बोस का जन्म।

1969ः त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव देव का जन्म।

1982ः भारतीय महिला क्रिकेटर झूलन गोस्वामी का जन्म।

2020ः कांग्रेस के कद्दावर नेता अहमद पटेल का निधन।


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