07 सितंबर: इतिहास के पन्नों में

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राष्ट्रगीत की रचनाः बंगाल के कांतल पाडा में रामकृष्ण परमहंस के समकालीन रहे बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने ‘वंदे मातरम’ की रचना की। बंग भंग आंदोलन के दौरान यह लोगों की जुबां पर चढ़ गया। आजादी के आंदोलन में देश के बलिदानियों के बीच ‘वंदे मातरम’ राष्ट्रवाद का प्रतीक बनकर उभरा। आजादी के बाद इसे राष्ट्रगीत के रूप में स्वीकार किया गया।

1882 में बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने अपने उपन्यास आनंद मठ का प्रकाशन किया, जिसमें गीत ‘वंदे मातरम’ शामिल था। उपन्यास में यह गीत भवानंद नामक संन्यासी ने गाया है। स्वाधीनता आंदोलन के दौरान लोगों में जोश और चेतना जगाने के उद्देश्य से व्यापक स्तर पर इसका इस्तेमाल किया गया।

1896 में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में यह गीत गाया। उसी तरह बिपिनचंद्र पाल, लाला लाजपत राय ने इस नाम से राष्ट्रवादी पत्रिकाओं का प्रकाशन किया। इनके अलावा कई दूसरे क्रांतिकारियों ने नारे, राष्ट्रवादी पत्र-पत्रिकाओं और ध्वज के लिए इसका इस्तेमाल किया। इसके ऐतिहासिक दस्तावेज उपलब्ध हैं। आनंदमठ के हिंदी, मराठी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ आदि अनेक भारतीय भाषाओं के साथ-साथ अंग्रेजी में भी अनुवाद हुए।

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा में ‘वंदे मातरम’ को राष्ट्रगीत के रूप में अपनाने संबंधी वक्तव्य पढ़ा, जिसे स्वीकार किया गया- ‘शब्दों व संगीत की वह रचना जिसे ‘जन गण मन’ से संबोधित किया जाता है, वह भारत का राष्ट्रगान है, बदलाव के ऐसे विषय या अवसर आने पर सरकार अधिकृत करे और ‘वंदे मातरम’ गान जिसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में ऐतिहासिक भूमिका निभायी है, उसे ‘जन गण मन’ के समकक्ष सम्मान व पद मिले। मैं आशा करता हूं कि यह सदस्यों को संतुष्ट करेगा।’

अन्य अहम घटनाएंः

1533ः ब्रिटेन और आयरलैंड की महारानी एलिजाबेथ प्रथम का लंदन में जन्म।

1630ः अमेरिका में बोस्टन शहर की स्थापना।

1822ः ब्राजील ने पुर्तगाल से स्वतंत्रता की घोषणा की। इसे ब्राजील का राष्ट्रीय दिवस घोषित किया गया।

1921ः अमेरिका के न्यू जर्सी में पहली बार औरतों के लिए सौंदर्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

1923ः ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में इंटरपोल की स्थापना हुई।

1927ः फिलियो टेलर ने पूरी तरह रंगीन टीवी बनाने में सफलता हासिल की।

1963ः अशोक चक्र विजेता भारतीय एयरहोस्टेस नीरजा भनोट का जन्म।

2005ः मिस्र में पहली बार राष्ट्रपति का चुनाव।


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