पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे को कोयला घोटाले में तीन साल की सजा
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (हि.स.) । दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट झारखंड में कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला के मामले में दोषी करार दिए गए पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे समेत तीन आरोपितों को तीन-तीन साल की कैद की सजा सुनाई है । स्पेशल जज भरत पराशर ने फैसला सुनाया। पिछले 6 अक्टूबर कोर्ट ने दिलीप रे समेत चार लोगों और एक कंपनी को दोषी ठहराया था।
कोर्ट ने दिलीप रे के अलावा दो आरोपितों को भी तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दिलीप रे के अलावा कोयला मंत्रालय के तत्कालीन अधिकारियों प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्यानंद गौतम को तीन-तीन साल की कैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने तीनों आरोपितों पर दस-दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने दो आरोपित कंपनियों पर भी दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने कैस्ट्रॉन टेक्नोलॉजीस के डायरेक्टर महेन्द्र कुमार अग्रवाल पर भी दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
यह मामला झारखंड के गिरिडीह में ब्रह्मडीहा में 105 हेक्टेयर से ज्यादा के कोयला ब्लॉक के आवंटन से जुड़ा हुआ है। ये कोयला ब्लॉक कैस्ट्रॉन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड नामक कंपनी को आवंटित की गई थी। दिलीप रे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कोयला राज्यमंत्री थे।
कोर्ट ने दिलीप रे के अलावा प्रदीप कुमार बनर्जी, नित्यानंद गौतम, कैस्ट्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, कंपनी के डायरेक्टर महेंद्र कुमार अग्रवाल और कैस्ट्रोन माइनिंग लिमिटेड को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने सभी आरोपितों को कोयला ब्लॉक के आवंटन में आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया।