योगी का संजय राउत पर पलटवार, कहा सौतेली मां की तरह प्रवासियों को न दे सके सहारा

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मानवता उद्धव ठाकरे को कभी नहीं करेगी माफ



लखनऊ, 24 मई (हि.स.)। प्रवासी कामगारों के मुद्दे पर शिवसेना के मुखपत्र सामना में राज्यसभा सांसद संजय राउत के उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधने के बाद अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निजी कार्यालय की ओर से उन पर पलटवार किया गया है। इसमें उद्धव ठाकरे सरकार पर प्रवासी कामगारों की समस्याओं को लेकर सवाल खड़े किये गये हैं।
कामगारों को शिवसेना-कांग्रेस की सरकार से सिर्फ छलावा ही मिला
योगी आदित्यनाथ के कार्यालय की ओर से रविवार को एक के बाद एक गई ट्वीट किये गये। इनमें कहा गया कि अपने खून पसीने से महाराष्ट्र को सींचने वाले कामगारों को शिवसेना-कांग्रेस की सरकार से सिर्फ छलावा ही मिला। लॉकडाउन में उनसें धोखा किया, उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया और घर जाने को मजबूर किया। इस अमानवीय व्यवहार के लिए मानवता उद्धव ठाकरे जी को कभी माफ नहीं करेगी।
चिंता का नाटक मत करें, कामगारों की जन्मभूमि रखेगी हमेशा ख्याल
अपने घर पहुंच रहे सभी बहनों भाइयों का प्रदेश में पूरा ख्याल रखा जायेगा। अपनी कर्मभूमि को छोड़ने के लिए मजबूर करने के बाद उनकी चिंता का नाटक मत कीजिए। सभी श्रमिक कामगार बंधु आश्वस्त हैं कि अब उनकी जन्मभूमि उनका हमेशा ख्याल रखेगी, शिवसेना और कांग्रेस आश्वस्त रहे।
भूखा बच्चा ही अपनी मां को है ढूंढता
ट्वीट में संजय राउत को आईना दिखाते हुए कहा गया कि एक भूखा बच्चा ही अपनी मां को ढूंढता है। यदि महाराष्ट्र सरकार ने ‘सौतेली मां’ बन कर भी सहारा दिया होता तो महाराष्ट्र को गढ़ने वाले हमारे उत्तर प्रदेश के निवासियों को प्रदेश वापस न आना पड़ता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश खुले दिल से और प्रवासी भाई बहनों के गृह प्रदेश में ही आजीविका के वादे के साथ, अपने सभी प्रवासी कामगारों, श्रमिक बंधुओं का स्वागत कर रहा है।
मुख्यमंत्री योगी के मीडिया सलाहकार बोले, राजनीतिक लाभ के लिए झूठ फैलाने से बचें 
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने संजय राउत पर निशाना साधते हुए कहा कि जिम्मेदारियों से बचने और राजनीतिक लाभ के लिए कृपया झूठ फैलाने से बचें। उत्तर प्रदेश सरकार बार-बार यह कह रही है कि पूरे देश से उत्तर प्रदेश के प्रवासी भाइयों का यूपी में स्वागत है। इसके लिए उन्होंने महाराष्ट्र सहित अन्य सरकारों को पत्र भी लिखा था और बात भी की थी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में आने वाले सभी प्रवासी कामगार श्रमिकों को न सिर्फ राशन, एक एक हजार रुपये भरण-पोषण भत्ता और मेडिकल जांच कराई गई बल्कि उन्हें बसों से निशुल्क गंतव्य तक पहुंचाया गया और उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार की व्यवस्था कराई जा रही है।
दोषारोपण छोड़कर महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था पर दें ध्यान
मृत्युंजय कुमार ने संजय राउत को महाराष्ट्र की खराब कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि आपको दोषारोपण छोड़कर अपने यहां कानून व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए। वहां साधु संत असुरक्षित हैं, यह चिंताजनक है। पहले पालघर में, आज नांदेड़ में साधुओं की हत्या हुई। इससे संत समाज में असुरक्षा का भाव है। महाराष्ट्र सरकार को दोषियों को चिह्नित कर सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में बढ़ते केस नहीं संभल रहे तो उसकी झेंप छुपाने के लिए महंत योगी आदित्यनाथ पर अभद्र टिप्पणियां करा रहे हैं ‘बेस्ट सीएम’।
सामना में राउत के संपादकीय से शुरू हुआ विवाद
दरअसल सामना के संपादकीय में राउत ने लिखा कि सीएम योगी द्वारा यूपी में प्रवासियों के खिलाफ किए गए अत्याचार यहूदियों के खिलाफ हुए अत्याचारों के जैसे हैं। उन्होंने लिखा कि देशभर से आने वाले मजदूरों को उनके मूल स्थानों पर जाने की अनुमति नहीं है। हाल ही में यूपी के सीएम ने जिले के अधिकारियों को पैदल, साइकिल या ट्रकों पर आने वाले प्रवासियों के प्रवेश को रोकने का आदेश दिया था। हालांकि उन्होंने निर्देश दिया था कि वे लोगों के लिए भोजन और आश्रय की व्यवस्था करें और उन्हें बसों से उनके गांवों तक पहुंचाएं।

 


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