लखनऊ, 21 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कोरोना महामारी से निपटने के लिए गठित ‘टीम-11’ की बैठक में रेमडेसिविर इंजेक्शन और फैबीफ्लू जैसी दवाओं की आपूर्ति की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासी धैर्य और संयम बनाये रखें। उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं, जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता के साथ किसी चीज का अभाव नहीं है।
कालाबाजारी रोकने के लिए विशेष टीम गठित करने के निर्देश
बैठक के दौरान उन्होंने गृह विभाग को सख्त निर्देश दिए कि जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी में संलिप्त लोगों के विरुद्ध गैंगस्टर और रासुका जैसे एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई की जाए। इस संबंध में पुलिस महानिदेशक को एक विशेष टीम गठित कर प्रदेश में छापा मार कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवनरक्षक दवाओं की निर्बाध आपूर्ति के लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाए। रेमडेसीवीर उत्पादनकर्ता कंपनियों से लगातार संपर्क बनाए रखें। इसके अलावा, सभी ऑक्सीजन रीफिल केंद्रों पर जिम्मेदार अधिकारियों की तैनाती की जाए। ऑक्सीजन का वितरण पारदर्शी ढंग से हो, यह सुनिश्चित करें। ऑक्सीजन टैंकर को जीपीएस से जोड़ें तथा प्लांट्स पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात करें।
अस्पतालों में खाली बिस्तरों की जानकारी हर दिन सार्वजनिक करें
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अस्पतालों में खाली बिस्तरों की जानकारी हर दिन सार्वजनिक की जाए। इससे मरीजों के परिजनों को काफी सहूलियत होगी। इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की भूमिका इस कार्य मे अत्यंत उपयोगी है। इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।
उप्र में पूर्ण लॉकडाउन लगाने पर कोई विचार नहीं
उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में उप्र में पूर्ण लॉकडाउन लगाने का कोई विचार नहीं है। हमें लोगों के जीवन और जीविका दोनों की ही चिंता है। परिस्थितियों का आंकलन करते हुए सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू और साप्ताहिक बंदी जैसे प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाए। मास्क, सैनिटाइजर और दो गज दूरी जैसे कोविड विहेवियर को पूरी ईमानदारी के साथ अमल में लाया जाए। लापरवाह लोगों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।
कहा कि प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। मांग के अनुरूप ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा रहा है। ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ त्वरित और कठोरतम कार्रवाई की जाए। अति गंभीर परिस्थिति को छोड़कर किसी भी इंडिविजुअल व्यक्ति को ऑक्सीजन की आपूर्ति न की जाए। केवल संस्थागत आपूर्ति ही होगी।
कसी भी प्रयोगशाला को टेस्ट करने पर कोई रोक नहीं
कोविड से लड़ाई में जीत के लिए ‘टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट’ का मंत्र सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं है। सभी निजी एवं सरकारी कोविड टेस्टिंग प्रयोगशालाएं अपनी पूरी क्षमता के साथ टेस्टिंग कार्य करें। किसी भी प्रयोगशाला को टेस्ट करने पर कोई रोक नहीं है। जांच के लिए शुल्क की दर पूर्व में ही तय की जा चुकी है। आरआरटी की संख्या बढ़ाई जाए। क्वालिटी कंट्रोल को प्रत्येक दशा में सुनिश्चित की जाए। टेस्टिंग की वर्तमान क्षमता को दोगुनी किये जाने के ठोस प्रयास हों।
उन्होंने कहा कि लखनऊ व प्रयागराज में मरीजों की संख्या को देखते हुए अतिरिक्त प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। प्रयागराज में स्वरूप रानी व युनाइटेड मेडिकल कॉलेज, कॅरियर सहित अन्य सभी चिकित्सकीय संस्थानों में बेड की संख्या बढ़ाने के ठोस प्रयास किए जाएं। नॉन कोविड हॉस्पिटल के सुचारु क्रियान्वयन पर भी ध्यान दिया जाए।
प्रवासी कामगार व श्रमिकों को समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के निर्देश
दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों से आ रहे प्रवासी कामगार व श्रमिकों की टेस्टिंग करते हुए उन्हें आवश्यकतानुसार क्वारन्टीन एवं चिकित्सा की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए।
निःशुल्क कोविड टीकाकरण की तैयारी करने के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मंत्रिपरिषद ने 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के निःशुल्क कोविड टीकाकरण कराए जाने का निर्णय लिया है। कोविड से लड़ाई में यह सबसे अहम प्रयास होगा। स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में आवश्यक तैयारी प्रारंभ कर दे।
युद्ध स्तर पर करें स्वच्छता, सैनिटाइजेशन फॉगिंग
उन्होंने कहा कि स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फॉगिंग का कार्य युद्ध स्तर पर किया जाए। इसके लिए फायर विभाग के वाहनों का उपयोग किया जाए।
गौरतलब है कि वर्तमान में प्रदेश में 77 हजार से अधिक कंटेनमेंट जोन बनाये गए हैं। कंटेनमेंट जोन के प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाए। मास्क के अनिवार्य उपयोग के संबंध में प्रवर्तन की प्रभावी कार्यवाही की जाए। निगरानी समितियों से संवाद बनाकर उनसे फीडबैक लगातार प्राप्त किया जाए।
24 घंटे में प्रदेश में 14 हजार से अधिक मरीज डिस्चार्ज
मुख्यमंत्री ने बताया कि 24 घंटे में प्रदेश में 14 हजार से भी अधिक मरीज कोविड संक्रमण से ठीक होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हुए हैं। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोविड के लक्षण दिखें तो टेस्ट कराएं, चिकित्सकों के निर्देशों का पूरी तरह पालन करें।