लखनऊ, 05 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के क्रम में राज्य में 08 जून से धर्म स्थलों को खोले जाने से पूर्व प्रशासन व पुलिस के अधिकारी धर्म स्थलों के प्रबन्धन से जुड़े लोगों से संवाद बनाते हुए उन्हें सभी सावधानियां सुनिश्चित करने की जानकारी दें।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक धर्म स्थल पर सेनिटाइजर, इंफ्रारेड थर्मामीटर तथा पल्स ऑक्सीमीटर की व्यवस्था रहनी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि धर्म स्थल के अन्दर एक बार में पांच से अधिक श्रद्धालु न हों। धर्म स्थल में प्रतिमा अथवा धार्मिक ग्रन्थों को कोई भी स्पर्श न करे।
धर्म स्थलों के परिसर में जूता-चप्पल पहनकर न जाएं श्रद्धालु
इसे साथ ही धर्म स्थलों के परिसर में श्रद्धालु जूता-चप्पल पहनकर न जाएं। जूता-चप्पल रखने के लिए धर्म स्थल की व्यवस्था से जुड़े लोग इस सम्बन्ध में समुचित इन्तजाम करें। उन्होंने कहा कि यह उचित होगा कि लोग यथा-सम्भव अपने वाहन आदि में जूता-चप्पल उतारने के बाद ही धर्म स्थल की ओर प्रस्थान करें। दरअसल अनलाॅक व्यवस्था के तहत राज्य में 08 जून से केन्द्र सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरूप गतिविधियां संचालित होनी हैं।
प्रत्येक स्तर पर पूरी सावधानी व सतर्कता बरतना जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए प्रत्येक स्तर पर पूरी सावधानी व सतर्कता बरतना आवश्यक है। इसके दृष्टिगत उन्होंने सभी स्थानों पर शारीरिक दूरी का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रभावी पेट्रोलिंग करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी भीड़ एकत्र न होने पाए।
सभी व्यवस्थाओं की करें नियमित माॅनिटरिंग
उन्होंने कहा कि एकांतवास केन्द्र (क्वारंटाइन सेन्टर) तथा सामुदायिक रसोई (कम्युनिटी किचन) को संचालन की स्थिति में रखा जाए। दोनों स्थानों को सेनिटाइज करके रखा जाए, ताकि आवश्यकतानुसार इनका उपयोग किया जा सके। कामगारों को राशन किट तथा 01 हजार रुपये का भरण-पोषण भत्ता दिया जाए। उन्होंने इन सभी व्यवस्थाओं की नियमित माॅनिटरिंग करने के निर्देश भी दिए।
अस्पतालों में रोगियों को पीने के लिए दें गुनगुना पानी
मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमित को समय पर समुचित उपचार उपलब्ध कराना बेहद आवश्यक है। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वे सभी मण्डलायुक्तों तथा जिलाधिकारियों से प्रतिदिन सीधे संवाद कर कोविड चिकित्सालयों की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखें। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में रोगियों को पीने के लिए गुनगुना पानी उपलब्ध कराया जाए। एल-1 कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन तथा एल-2 श्रेणी के कोविड चिकित्सालयों में ऑक्सीजन तथा वेंटीलेटर की व्यवस्था अवश्य हो।
मरीजों की रिकवरी गति तथा दर को बढ़ाने के उपाय करें
चिकित्सालयों में साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बेड शीट आदि नियमित रूप से बदली जाए। डाॅक्टरों तथा नर्सिंग स्टाफ द्वारा नियमित राउण्ड लिया जाए। रोगियों को शुद्ध एवं सुपाच्य भोजन उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने संक्रमित मरीजों की रिकवरी की गति तथा दर को बढ़ाने के लिए सभी सम्भव उपाय किए जाने के निर्देश दिए।
संचारी रोग से होने वाली मृत्यु दर में गिरावट लाने में सफलता
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर चिकित्सा व्यवस्था के साथ-साथ जागरूकता तथा सर्विलांस को प्रभावी बनाते हुए प्रदेश सरकार को संचारी रोग से होने वाली मृत्यु की दर में उल्लेखनीय गिरावट लाने में सफलता मिली है। प्रदेश सरकार ने कोविड अस्पतालों में उपचार की व्यवस्था को सुदृढ़ किया है।
कोरोना के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए यह भी आवश्यक है कि लोग इसके बचाव के सम्बन्ध में जागरूक तथा सजग रहें। उन्होंने निगरानी समितियों को सक्रिय रखते हुए सर्विलांस सिस्टम को प्रभावी बनाए रखने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि आशा वर्कर से निरन्तर संवाद बनाए रखकर इन्हें प्रोत्साहित किया जाए।
एमएसएमई सेक्टर के ऑनलाइन स्वरोजगार कार्यक्रम हों आयोजित
मुख्यमंत्री ने औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि के लिए तेजी से प्रयास करने का निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ाकर रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित किए जा सकते हैं। उद्यमियों को ऋण उपलब्ध कराने के लिए एमएसएमई सेक्टर के ऑनलाइन स्वरोजगार संगम जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाए। उन्होंने उद्योग बन्धु, पिकप आदि संस्थाओं को उद्योगों के संचालन की अनुकूल परिस्थितियां सृजित करने के सम्बन्ध में प्रभावी प्रयास करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश वापस लौटे कामगारों, श्रमिकों को प्रधानमंत्री के विशेष आर्थिक पैकेज के माध्यम से लाभान्वित करने के लिए कार्यवाही की जाए। इस पैकेज के माध्यम से रेहड़ी तथा खोमचे वालों एवं एमएसएमई सेक्टर को उपलब्ध कराए जा सकने वाले ऋण एवं अन्य लाभ के सम्बन्ध में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक आहूत की जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री के विशेष आर्थिक पैकेज के माध्यम से प्रदेश को अधिक से अधिक लाभ दिलाने के लिए सभी जरूरी प्रयास करने के निर्देश भी दिए।
25,000 से अधिक प्रवासी कामगारों वाले जिलों में तेजी से हो स्किल मैपिंग
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कामगारों को ग्रामीण इलाकों में संचालित विभिन्न विभागीय योजनाओं में नियोजित करने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कामगारों को उपलब्ध कराए जा सकने वाले रोजगार की मैपिंग करते हुए, इसे लागू करने की कार्य योजना तैयार की जाए। जिन जनपदों में विभिन्न राज्यों से वापस लौटे कामगारों की संख्या 25,000 या उससे अधिक है, वहां स्किल मैपिंग कार्य तेजी से पूरा किया जाए। उन्होंने प्रदेश वापस लौटे कामगारों के साथ-साथ निर्माण श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडरों तथा एमएसएमई इकाइयों के श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के लिए एक प्रभावी योजना बनाने के निर्देश भी दिए।
रोजगार उपलब्ध कराने को पोर्टल होगा तैयार
मुख्यमंत्री ने कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए एक पोर्टल तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयों के अलावा विभिन्न सरकारी विभागों तथा संस्थानों, जहां कामगारों की जरूरत हो, वहां इन्हें रोजगार देने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने नोडल अधिकारियों को सम्बन्धित प्रदेश सरकारों से सम्पर्क कर उन राज्यों से वापसी के इच्छुक लोगों की सूची प्राप्त करने के निर्देश भी दिए, ताकि ट्रेनों की व्यवस्था की जा सके।
डिजिटल बैंकिंग को दिया जाए बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल पेमेंट सुविधाजनक होने के साथ-साथ वर्तमान परिस्थितियों में संक्रमण को रोकने में भी उपयोगी है। यह सुविधा ज्यादा से ज्यादा लोग अपनाएं, इसके लिए एक कार्य योजना बनाई जाए। इस कार्य योजना को लागू करते हुए रेहड़ी, खोमचे वालों आदि को डिजिटल बैंकिंग से जोड़ने का कार्य किया जाए। ऐसे प्रयास किए जाएं कि जिन्हें रोजगार प्राप्त हो, वे डिजिटल बैंकिंग से भी जुड़ें।
गोवंश के लिए हो हरे चारे की व्यवस्था
उन्होंने निर्देश दिए कि मण्डियों में संक्रमण से बचाव के लिए पूरी सतर्कता बरतते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि वहां सेनिटाइजर, इंफ्रारेड थर्मामीटर तथा पल्स ऑक्सीमीटर की व्यवस्था अवश्य हो। उन्होंने आम के निर्यात के लिए सभी सम्बन्धित विभागों तथा संस्थाओं को बैठक कर प्रभावी कार्य योजना तैयार करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि गोवंश के लिए हरे चारे की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।