औरंगाबाद में शुक्रवार की सुबह हुई इस दर्दनाक घटना के बाद मुख्यमंत्री ने तत्काल मुख्य सचिव व रेलवे अधिकारियों से बात की और मामले की जानकारी प्राप्त की। ये सभी प्रवासी श्रमिक जालना जिले की एक स्टील कंपनी में काम पर थे। सभी लोग रेलवे मार्ग से चलते हुए जा रहे थे लेकिन थकान की वजह से सभी को नींद आ गई और रेलवे पटरी पर ही सो गए थे। आज सुबह मालगाड़ी ने इन सभी को कुचल दिया। इस घटना में 16 श्रमिकों की मौत हो गई है और दो लोग घायल हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले 4-5 दिनों से महाराष्ट्र के विभिन्न इलाकों से विशेष श्रमिक ट्रेन शुरू की गई है। इससे एक लाख श्रमिक अपने घर पहुंचे हैं। अन्य श्रमिकों को भी उनके मूलगांव छोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई है। बहुत जल्द मुंबई से भी ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है। इसलिए प्रवासी श्रमिक धीरज बनाए रखें। जान जोखिम में डालकर खुद गांव लौटने का प्रयास न करें। राज्य सरकार की ओर से प्रवासी श्रमिकों के लिए रिलीफ कैंप शुरू किए गए हैं। सभी प्रवासी श्रमिक धीरज बनाए रखें और रेलवे की समयसारिणी के अनुसार जैसे-जैसे ट्रेन छोड़ी जाएगी, उसी समय घर वापस जाएं।