सांप्रदायिक एकता बनाने में पुलिस बल की महत्वपूर्ण भूमिका कानून व्यवस्था के साथ ही:सीएम नीतीश

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शराबबंदी मेरा व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं, यह लोगों के हित में है



पटना, 26 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बिहार सैन्य पुलिस-5 परिसर स्थित मिथिलेश स्टेडियम में बिहार पुलिस सप्ताह 2021 कार्यक्रम में कहा कि कानून व्यवस्था के साथ ही सांप्रदायिक एकता बनाये रखने में पुलिस बल की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी मेरा व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं, यह प्रदेश के लोगों के हित में है। इस पर कोई समझौता नहीं किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डाब्लूएचओ) ने स्वास्थ्य से संबंधित वर्ष 2018 में सर्वे रिपोर्ट जारी किया था, जिसमें बताया गया था कि एक वर्ष में जितनी मृत्यु होती है उसमें 5.3 प्रतिशत लोगों की मृत्यु शराब सेवन के कारण होती है। 20 से 39 आयु वर्ग के 13.5 प्रतिशत युवाओं की मृत्यु शराब की वजह से होती है। शराब पीने से 18 प्रतिशत आत्महत्या के मामले सामने आते हैं। ड्राइवर के शराब पीने की वजह से 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनायें होती है। 48 प्रतिशत लीवर की गंभीर बीमारी शराब पीने से होती है। 26 प्रतिशत माउथ कैंसर और पेनक्रियाज की गंभीर बीमारी भी शराब पीने से होती है।

सीएम ने कहा कि शराब पीने की वजह से 200 प्रकार की बीमारियां होती हैं।उन्होंने कहा कि गंभीर बीमारियों से ज्यादा शराब पीने से लोग मरते हैं। शराब मामले में अब बड़ी कार्रवाई हो रही है।शराबबंदी में स्वान और उड़नदस्ता की भी मदद ली जायेगी। धंधेबाजा पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है, किसी के प्रति कोई समझौता नहीं होगा।अपराधी कोई भी हो बचेंगे नहीं। शराबबंदी लागू रहेगी, कोई ढिलाई नहीं होगी।

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ समाज में शांति व्यवस्था बनाये रखने में पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका है। हमलोगों ने पुलिस की सुविधाओं और उनकी जरुरतों को ध्यान में रखते हुए कई कदम उठाए हैं। पिछले 15 वर्षों में 50 हजार से अधिक नियुक्तियां पुलिस में की गई हैं।दस हजार से अधिक नियुक्तियां प्रक्रियाधीन हैं।

सीएम ने कहा कि अगर पुलिस पदाधिकारी और कर्मियों की और आवश्यकता होगी तो उसे भी पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महिला बटालियन का गठन किया गया। अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए स्वाभिमान बटालियन का गठन किया गया। हर जिले में महिला थाना की स्थापना की गई है। पुलिस बल में महिलाओं को  35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। पुलिस बल में महिलाओं की संख्या अब 23 प्रतिशत हो गई है और अगले 3-4 वर्षों में 30 से 35 प्रतिशत पहुंच जाएगी। शायद ही किसी राज्य में इतनी संख्या में महिला पुलिस बल में होगी।

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट-2 के अंतर्गत सभी सरकारी कार्यालयों में महिलाकर्मियों की पर्याप्त संख्या करने को कहा गया है, जिससे वहां किसी कार्य के सिलसिले में आने वाली महिलाओं का आत्मविश्वास बना रहे और उनकी समस्याओं के निष्पादन में भी सहूलियत हो।उन्होंने  कहा कि महिलाओं और लड़कियों के लिए भी हमलोग लगातार काम कर रहे है। वर्ष 2008 में छात्राओं के लिए साईकिल योजना की शुरुआत किए जाने से उनका आत्मविश्वास बढ़ा, लड़कियों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत की गई। राज्य की महिलाओं में आत्मविश्वास का भाव पैदा हुआ। राज्य की सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। नियुक्ति और ट्रेनिंग पर सरकार का विशेष ध्यान है। राजगीर में बेहतर पुलिस एकेडमी का निर्माण कराया गया है। पुलिस भवन और थानें की स्थिति में सुधार किया गया है। सरदार पटेल भवन में पुलिस मुख्यालय को स्थापित किया गया है।

उन्होंने कहा कि जांच में तेजी लाने की कोशिश हो रही है। हर जिलों में चलंत विधि विज्ञान इकाई बनायी जायेगी। हमलोगों की अपेक्षा है कि पूरी मुस्तैदी के साथ अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करें। अपराध की स-समय जांच हो और अपराधियों को दंड दिलाया जा सके। उन्होंने कहा कि जिले में एसी को भी सप्ताह में तीन से चार दिन घूमना चाहिये। इससे पुलिस की कार्य संस्कृति में और सुधार होगा।

उल्लेखनीय है कि बिहार पुलिस सप्ताह कार्यक्रम वर्ष 1958 में पहली बार आयोजित की गयी थी। उसके बाद 1981 में आयोजित की गयी। वर्ष 2007 से प्रतिवर्ष 22 से 27 फरवरी के बीच इसका आयोजन किया जाता है।बिहार पुलिस सप्ताह कार्यक्रम के दौरान कई बातों की जानकारी दी जाती है, लोगो को  प्रेरित किया जाता है। बाहर से वरिष्ठ अधिकारियों को भी बुलाकर प्रशिक्षित कराया जाता है।

 


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