मध्य प्रदेश में सियासी हलचल, कमलनाथ मंत्रिमंडल से 20 मंत्रियों के इस्तीफे
भोपाल, 10 मार्च (हि.स.)। मध्य प्रदेश में सियासी हलचल के चलते सोमवार देर रात कमलनाथ सरकार के 20 मंत्रियों ने सामूहिक तौर पर मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपने इस्तीफा सौंपेे हैं।
दरअसल, मध्यप्रदेश में जिस तरीके से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाराज होने के बाद उनसे जुड़े विधायक एवं मंत्रियों ने बेंगलुरु का रुख किया है, उसके बाद से जैसे राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया है।
जानकारी के अनुसार सीएम कमलनाथ एवं पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के प्रयासों के बावजूद अब तक ज्योतिरादित्य सिंधिया से कोई संपर्क उनका नहीं हो सका है। उधर, उनसे जुड़े विधायकों एवं मंत्रियों के नंबर भी बंद आ रहे हैं। ऐसे में अपनी सरकार को खतरे में देख कमलनाथ मंत्रिमंडल से जुड़े 20 मंत्रियों ने देर रात अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री कमलनाथ को सौंप दिया और सामूहिक रूप से कहा है कि वह फिर से एक बार मंत्रिमंडल का गठन करें।
इस दौरान मीडिया कुछ मंत्रियों ने मीडिया से भी बात की जिसमें पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि हमें 5 साल सरकार चलाने का दायित्व जनता ने सौंपा है और इसके लिए जरूरी नहीं है कि हम स्वयं मंत्री बने रहें। हमारी सरकार प्रदेश में 5 साल बची रहना जरूरी है और इसीलिए हम सभी ने अभी-अभी मुख्यमंत्री कमलनाथ जी को अपना इस्तीफा सौंपा है।
इस मौके पर मीडिया के बीच जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार को 5 साल तक चलेगी। प्रदेश में किसी से कोई खतरा कमलनाथ की सरकार को नहीं है। सरकार कमलनाथ जी की रहेगी आप आगे आगे देखिए होता है क्या। उन्होंने भी मंत्री वर्मा की बातों को आगे बढ़ाते हुए इस बात की ओर इशारा किया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ अपना नया मंत्रिमंडल गठन करें और जो सियासी संकट कांग्रेस के सामने आज प्रदेश में सत्ता का खड़ा हुआ है उससे सभी मिलजुल कर मुकाबला करते हुए सफलता के साथ बाहर निकले।