जयपुर, 10 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोगों के विश्वास के साथ ही नहीं, विचारधारा के साथ भी विश्वासघात किया है। ऐसे लोग साबित करते हैं कि वे शक्ति के बिना कामयाब नहीं हो सकते। ऐसे लोग जितना जल्द छोड़े, अच्छा हैं।
मंगलवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने इसकी कॉपी ट्विटर पर पोस्ट की जिस पर 9 मार्च दर्ज है। यानी वे इसे एक दिन पहले ही लिख चुके थे। इस पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2 ट्वीट किए। उन्होंने लिखा कि राष्ट्रीय संकट के समय में बीजेपी के साथ हाथ मिलाना नेताओं की स्व-राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के बारे में बताता है। खासकर जब भाजपा अर्थव्यवस्था, लोकतांत्रिक संस्थानों, सामाजिक ताने-बाने के साथ ही न्यायपालिका को बर्बाद कर रही है।
इससे पहले उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी सोमवार रात ट्वीट कर कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि मध्यप्रदेश में मौजूदा संकट जल्द ही समाप्त हो जाएगा और कांग्रेस के नेता मतभेदों को हल करने में सक्षम होंगे। मतदाताओं से किए गए वादों को पूरा करने के लिए राज्य को एक स्थिर सरकार की आवश्यकता है।
राजस्थान में नहीं अभी कोई सियासी संकट
मध्यप्रदेश की तरह राजस्थान की गहलोत सरकार पर अभी कोई सियासी संकट नहीं है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की गाहे-बगाहे उप मुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ सचिन पायलट के साथ मतभेदों की खबरें आम होती रही है, लेकिन मुख्यमंत्री ने अपने सियासी अनुभव के आधार पर पायलट को उप मुख्यमंत्री के तौर पर सरकार में जगह दी है। सार्वजनिक स्थानों पर भी मुख्यमंत्री गहलोत पायलट से रिश्तों को लेकर कुछ भी बोलने से कतराते रहे हैं। राजस्थान विधानसभा में पूरे 200 विधायक हैं। फिलहाल कांग्रेस के पास 107 विधायक हैं। इनमें से उसे बहुजन समाज पार्टी के साथ अन्य क्षेत्रीय निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है। भाजपा के पास 72 विधायक हैं। कांग्रेस के पास 13 निर्दलीयों में से अधिकतर का समर्थन भी है। अन्य छोटी पार्टियों और निर्दलीय विधायकों की संख्या 21 है।