विधानसभा में वित्त विधेयक और विनियोग विधेयक पर बहस का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री को सामाजिक समरसता की तरफ आगे बढ़ना चाहिए। शांति अहिंसा का हमने प्रकोष्ठ तक बनाया। अब देश में सद्भाव, शांति और भाईचारे का माहौल बनाना चाहिए। हम चाहेंगे कि एक दिन शांति अहिंसा पर चर्चा भी हो जाए। देश में सद्भावना की नई शुरुआत होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्र सरकार बल्कि नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया एवं राज्य में विपक्षी दल भाजपा पर तंज कसे। मुख्यमंत्री ने सामाजिक न्याय को लेकर सदन में बोलने वाले वसुंधरा खेमे के भाजपा विधायक कैलाश मेघवाल की तारीफ भी की।
गहलोत ने कहा कि उन्होंने दांडी मार्च वाले दिन कहा था कि मोदीजी, मोहन भागवत से सलाह कर लें। देश में सद्भाव का नया माहौल बनाएं। छह साल में क्या हुआ उसे भूल जाइए। उन्होंने कहा कि कैलाश मेघवाल ने मेरे दिल को छूने वाली बात कही। उन्होंने सामाजिक न्याय की बात कही। आज भी छुआछूत मानवता के नाम पर कलंक है। हम तो यह बात पहले से ही कहते आए हैं।
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने सदन में नौकरियों को लेकर गलत आंकड़े प्रस्तुत किए। ढाई साल में अब तक हमारी सरकार 97 हजार नौकरियां दे चुकी हैं। 17 हजार भर्तियों के परिणाम जारी हो चुके हैं। 37 हजार भर्तियों की जल्द परीक्षा होगी। 23 हजार नौकरियों के लिए भर्तियों की विज्ञप्ति जल्द जारी होगी। दो साल में हमने 1 लाख 70 हजार को रोजगार दिया। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पता नहीं आप कहां से आकंड़े लेकर आते है। कटारिया ने कहा कि मैं घर से आंकड़े थोड़े लाया हूं, यदि गलत है तो सजा भुगतने को तैयार हूं। इस पर सीएम गहलोत ने कहा कि मैं कौनसा घर से आंकड़े लाया हूं। मैं भी वहीं से आंकड़े लाया हूं जहां से आप लाये हो।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कटारिया पर पलटवार करते हुए कहा कि जनता को जवाब हमें देना है आप क्यों चिंता कर रहे हो। आपका वित्तीय प्रबंधन बिल्कुल बकवास रहता है। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि हम बजट पूरा करके दिखाएंगे। आपने कहा कि पिछली बार पूरा बजट खर्च नहीं किया। 31 दिसंबर तक हमने 62 प्रतिशत बजट खत्म किया और अभी 31 मार्च तक बहुत कुछ हम खर्च कर देंगे। अगर आप चिंता कर रहे हो तो फिर इधर आ जाओ। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि भाजपा सरकार ने हमेशा वित्तीय कुप्रबंधन का इतिहास बनाया है।
गहलोत ने कहा कि हम सभी को मिलकर राजस्थान के हितों की बात करनी चाहिए। हमारे 25 सांसद हैं, उन्हें इसके लिए तैयार कीजिए कि वे पीएम मोदी को ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) की योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का उनका वादा याद दिलाएं। हम भी इसके लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखेंगे। गहलोत ने कहा कि मैं इसका पूरा क्रेडिट पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को देने को तैयार हूं। जिस तरह मैंने रिफाइनरी के लिए संघर्ष किया, उसी तरह ईआरसीपी के लिए ही करने को तैयार हूं। उन्होंने आरक्षण की सीमा बढाए जाने की वकालत करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी इस पर पूछ रहा है कि राज्यों की मंशा क्या है?, उन्होंने कि 102 वें संविधान संशोधन से राज्यों की शक्तियां काम हो सकती हैं, राज्यों में शक्ति नहीं रहेगी तो राज्य क्या कर सकेंगे।
गहलोत ने कहा कि लोग आज फोन पर बात करने से डरते हैं। कहीं फोन टेप न हो जाएं। वाट्सएप पर बात करने के लिए कहते हैं। बुधवार को विधानसभा में फोन टैपिंग पर हुए विवाद पर भी गहलोत ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि कल तो आप सबके फोन टैप हो गए थे। मुख्यमंत्री ने फोन टैपिंग विवाद पर कोई बात नहीं की। मीणा और मीना विवाद पर गहलोत ने कहा कि दोनों एक ही हैं। इस पर हमने कोर्ट में शपथ पत्र भी दिया है, मेरी समझ में पक्ष और विपक्ष को इस पर अब चर्चा पर विरोम लगा देना चाहिए।