असमः मुख्यमंत्री ने उल्फा(स्व) प्रमुख से शांति वार्ता में शामिल होने की अपील की

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गुवाहाटी, 15 अगस्त (हि.स.)। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आफ असम (स्वाधीन) या उल्फा (स्व) से मुख्यधारा में लौटने और शांति वार्ता प्रक्रिया में शामिल होने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने रविवार को

गुवाहाटी के पशु चिकित्सा महाविद्यालय के खेल मैदान में आयोजित राज्य के मुख्य स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान यह अपील की।

मुख्यमंत्री ने कहा, “असम के लोगों की ओर से, मैं परेश बरुवा से बातचीत के लिए आगे आने की अपील करता हूं। हमारे राज्य के किसी भी युवा को अब और नहीं मरने दिया जाएगा।” मुख्यमंत्री ने कहा कि हम क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के आभारी हैं।

उल्लेखनीय है कि उल्फा (स्व) ने इस वर्ष मई माह से कोरोना महामारी की स्थिति को देखते हुए एकतरफा संघर्ष विराम की भी घोषणा की है। कई दशक से स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर असम बंद का आह्वान करने वाले उल्फा (स्व) ने इस साल पहली बार इस प्रथा से परहेज किया है। विशेष रूप से उल्फा (स्व) ने गत शनिवार को अपने एकतरफा संघर्ष विराम को और तीन महीनों के लिए बढ़ाने की घोषणा की है। संघर्ष विराम को बढ़ाने का फैसला उल्फा (स्व) ने ऐसे समय में लिया है जब संगठन और सरकार दोनों ने वार्ता की मेज पर आने की इच्छा व्यक्त की थी। उल्फा (स्व) के 40 साल पुराने इतिहास में, संगठन ने पहली बार स्वतंत्रता दिवस पर किसी बंद की घोषणा नहीं की है।

मुख्यमंत्री ने महामारी में अथक परिश्रम करने के लिए डॉक्टरों, नर्सों, प्रयोगशाला तकनीशियनों और एम्बुलेंस चालकों सहित सभी कोरोना योद्धाओं का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने बॉक्सर लवलीना बरगोहाईं को उनके ओलंपिक कांस्य पदक के लिए भी बधाई दी और कहा कि उनकी सफलता सभी के लिए प्रेरणा है।

मुख्यमंत्री ने 26 जुलाई को मिजोरम से लगी अंतरराज्यीय सीमा पर हिंसा में मारे गए असम पुलिस के छह जवानों को भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि असम सरकार राज्य की संवैधानिक सीमा से समझौता किए बिना सीमा विवादों को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार द्वारा जारी स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन को केंद्रीय पारिश्रमिक के बराबर बढ़ाकर 36,000 रुपये किया जाएगा और इन सभी पूर्व क्रांतिकारियों को उनके अंतिम संस्कार के दौरान राजकीय सम्मान दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि शुक्रवार को विधानसभा से पारित किया गया असम मवेशी संरक्षण विधेयक-2021 राज्य के सांस्कृतिक लोकाचार की रक्षा के लिए राज्य सरकार के संकल्प को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सरकार जनसंख्या नियंत्रण के माध्यम से गरीबी उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है और ड्रग्स, मानव तस्करी तथा अन्य सामाजिक खतरों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी।


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