मुंबई, 29 अगस्त (हि.स.)। सेंट्रल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (सीबीआई) के उप अधीक्षक आर.एस. गुंजाल ने 100 करोड़ वसूली मामले में पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को क्लीन चिट दे दिया है। इसके बाद महाराष्ट्र कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता सचिन सावंत ने अनिल देशमुख की जांच की साजिश करने वालों की भी सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के माध्यम से कमीशन ऑफ इंक्वायरी के तहत जांच करवाए जाने की मांग की है।
सचिन सावंत ने रविवार को ट्वीट करते हुए कहा है कि पूर्व गृहमंत्री की प्राथमिक जांच का आदेश कोर्ट ने दिया था। लेकिन महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करने के लिए इस मामले की गहन जांच का आदेश किसने दिया था, यह जनता के सामने आना चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया गया तो अनायास शक की सुई केंद्रीय गृहमंत्री की ओर फिरने वाली है। इस मामले में सीबीआई को मिसगाइड किसने किया, यह आम जनता के सामने आना जरूरी है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ वसूली का टारगेट देने का आरोप लगाया था। इस मामले की प्राथमिक जांच का आदेश बंबई उच्च न्यायालय ने किया था। लेकिन मामले की गहन जांच सीबीआई की ओर से की गई। सीबीआई की ओर से गहन छानबीन के बाद उप अधीक्षक आर.एस. गुंजाल ने अनिल देशमुख को उन पर लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए क्लीनचिट दे दिया है।
हालांकि इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनिल देशमुख के दो सहायक संजीव पालांडे व कुंदन शिंदे को गिरफ्तार किया और दोनों इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले में ईडी अनिल देशमुख व उनके परिवार के सदस्यों को अबतक 5 समन जारी कर चुका है। सीबीआई की क्लीनचिट के बाद अनिल देशमुख को ईडी जांच से भी राहत मिलती है अथवा नहीं, अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है।