कांवड़ मेले में नागरिक सुरक्षा दस्ता तैनात

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1962 में चीन आक्रमण के पश्चात् नागरिक सुरक्षा उपायों के क्रियान्वयन के लिए नागरिक सुरक्षा संगठन की स्थापना की गई थी। यह संगठन विपरीत परिस्थितियों में नागरिकों के मनोबल को बनाए रखता है तथा उन्हें विश्वास दिलाता है कि हम हर संकट का सामना करने के लिए सदैव तैयार और सजग हैं।



मेरठ, 25 जुलाई (हि.स.)। कांवड़ मेले में शासन-प्रशासन द्वारा नागरिकों को उचित सुरक्षा मुहैया कराने के लिए अलग-अलग एंगल से काम करना होता है। ऐसी कड़ी में नागरिकों की देखरेख तथा प्रशासन के सहयोग के लिए नागरिक सुरक्षा संगठन का भी बहुत बड़ा योगदान होता है। नागरिक सुरक्षा संगठन समाज और प्रशासन का एक महत्वपूर्ण अंग है।  इसे सिविल डिफेंस कोर के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में कांवड़ मेले में व्यवस्था की जिम्मेदारी के तहत नागरिक सुरक्षा दस्ता को तैनात किया गया है। इलाके में कांवड़ियों के आने, रुकने, खाने-पीने तथा दर्शन-पूजन के वक्त तक शहर में किसी भी प्रकार की व्यस्था के लिए नागरिक सुरक्षा दल को प्रभारी की भूमिका दी गई है।
नागरिक सुरक्षा का तात्पर्य है कि एक आम आदमी को सुरक्षा व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी देना। 1962 में चीन आक्रमण के पश्चात् नागरिक सुरक्षा उपायों के क्रियान्वयन के लिए नागरिक सुरक्षा संगठन की स्थापना की गई थी। यह संगठन विपरीत परिस्थितियों में नागरिकों के मनोबल को बनाए रखता है तथा उन्हें विश्वास दिलाता है कि हम हर संकट का सामना करने के लिए सदैव तैयार और सजग हैं। यह एक अराजनीतिक संगठन है जिसमें राजनीतिक व्यक्ति सदस्य नहीं हो सकता। यह पारस्परिक सहयोग व सहायता के सिद्धांत पर कार्य करता है। नागरिक सुरक्षा विभाग एक स्वयंसेवी सरकारी संस्था है, जिसमें 99 प्रतिशत स्वयंसेवी और एक फीसदी वेतन भोगी कार्य करते हैं। इस समय पूरे भारतवर्ष में लगभग 14 लाख स्वयंसेवक इस संगठन के साथ जुड़े हुए हैं। इसमें सभी धर्मों के व्यक्ति शामिल हैं। नागरिक सुरक्षा संगठन में नियुक्ति के लिए कम से कम योग्यता हाईस्कूल या समकक्ष होनी चाहिए। इन सदस्यों की नियुक्ति जिला अधिकारी जिला नियंत्रक करता है। नागरिक सुरक्षा संगठन को कई जिम्मेदारियां दी गई है, जैसे सफाई अभियान, आगजनी में सहायता, पल्स पोलियो अभियान, रक्तदान, नागरिकों के जीवन की रक्षा करना आदि प्रमुख हैं।

 


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