चंडीगढ़, 27 नवम्बर (हि.स.)। पंजाब के लुधियाना में हुए कथित सिटी सेंटर घोटाले में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बुधवार को बरी हो गए। अमरिंदर सिंह को यह राहत करीब 12 वर्ष बाद मिली है। लुधियाना की जिला अदालत ने अमरिंदर सिंह के अलावा 31 अन्य आरोपितों को भी बरी कर दिया है। फैसला सुनाए जाने के समय कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद अदालत में मौजूद थे।
पंजाब में वर्ष 2007 के दौरान अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान सिटी सेंटर घोटाले में एक मामला दर्ज किया गया था जिसमें कहा गया था कि वर्ष 2002 से लेकर 2007 तक रही अमरिंदर सरकार के कार्यकाल के दौरान यह घोटाला हुआ है। विजिलेंस जांच में आरोप था कि कैप्टन तथा अन्य 32 लोगों ने निजी बिल्डर को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार खजाने को 1114 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने शॉपिंग मॉल, मल्टीप्लैक्स तथा अन्य अपार्टमेंट के लिए 25 एकड़ का प्रोजेक्ट पास किया गया था। इस केस में कुल 36 लोगों को आरोपी बनाया गया था जिनमें से चार की मृत्यु हो चुकी है।
इस मामले में कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेटे रणइंद्र सिंह तथा दामाद रमिंदर सिंह को भी आरोपी बनाया गया था। लंबी अदालती प्रक्रिया के बाद आज लुधियाना स्थित जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुरबीर सिंह ने इस मामले में कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा अन्य 31 आरोपितों को भी बरी कर दिया। अदालत के फैसले पर संतुष्टि व्यक्त करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह केस पूरी तरह से झूठ की बुनियाद पर था जिसे राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते दर्ज किया गया था। आज इसका निपटारा हो गया है।