कोलकाता, 13 दिसम्बर (हि.स.)। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के बाद अब नागरिकता संशोधन कानून पर भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को पूर्व मेदिनीपुर के दीघा में संवाददाता सम्मेलन कर उन्होंने घोषणा की कि भले ही संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित कर दिया गया है लेकिन इसे पश्चिम बंगाल में किसी भी सूरत में लागू नहीं होने देंगी।
दरअसल नागरिकता संशोधन विधेयक को गुरुवार रात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हस्ताक्षर कर अपनी मंजूरी दे दी है। अब इसे देशभर में लागू करना बाध्यता हो गया है लेकिन शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात हुए कहा कि इस कानून और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा प्रस्तावित एनआरसी के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन होगा। सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ता रैली निकालेंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसकी शुरुआत 15 दिसम्बर से की जाएगी। उस दिन राज्य के प्रत्येक ब्लॉक में तृणमूल के कार्यकर्ता “नो एनआरसी” के स्लोगन के साथ पहले रैली करेंगे, इसी रैली के जरिए नागरिकता संशोधन कानून का भी विरोध किया जाएगा।
16 दिसम्बर को कोलकाता में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की मूर्ति के पास तृणमूल कार्यकर्ताओं का जमघट होगा। वहां से महात्मा गांधी की मूर्ति के पास से यह रैली जोड़ासांको में मौजूद गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के आवास तक जाएगी, जिसमें विभिन्न समुदायों के बीच एकजुटता का आह्वान किया जाएगा। ममता ने कहा कि पार्टी लोकतांत्रिक तरीके से इसका विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने बलपूर्वक नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित किया है लेकिन बंगाल में इसे लागू नहीं होने दूंगी।
उन्होंने कहा कि हर एक राज्य का अलग भौगोलिक ढांचा और सामाजिक ताना-बाना है। उन्होंने कहा कि राज्य में अगर कभी भी एनआरसी लागू करने की कोशिश वे (भाजपा) करते हैं तो इसे पूरा नहीं होने देंगी। उन्होंने कहा कि असम में भाजपा ने घुसपैठियों के लिए डिटेंशन कैंप बनाया है क्योंकि वहां उनकी सरकार थी लेकिन बंगाल में ऐसा कभी नहीं होने दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यहां से आपको कभी भी खदेड़ने नहीं दूंगी। यहां जो लोग जैसे रह रहे हैं, उसी तरह से रहेंगे। किसी को डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा की ओर से एनआरसी का प्रचार किया जा रहा है ताकि लोगों के बीच में दहशत फैले। ममता ने कहा कि कैब भारत को बांटने वाला है। जब तक हम लोग सत्ता में रहेंगे, तब तक इसे लागू नहीं होने देंगे।