सीआईएसएफ ने विमानन सेवा को लेकर प्रस्तावित नई योजना एमओसीए को भेजा
नई दिल्ली, 11 अप्रैल (हि.स.)। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश के हवाई अड्डों पर सुरक्षा के लिए तैनात किए गए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने एक योजना बनाई है। जिसे नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) को भेज दिया गया है।
सीआईएसएफ के विशेष निदेशक (हवाई अड्डे) जीए गणपति ने शनिवार को कहा कि हमने कोविड-19 के कारण परिस्थितियों के बदलाव के मद्देनजर आवश्यक एहतियात को शामिल करते हुए एक नई योजना प्रस्तावित की है। इस योजना में हमने कहा है कि उड़ान संचालन के फिर से शुरू होने पर यात्रियों को उचित सुरक्षात्मक उपाय के साथ अपनी उड़ान के लिए समय से दो घंटे पहले हवाई अड्डे पर पहुंचने के साथ-साथ मास्क, दस्ताने और सेनेटाइजर के साथ प्रवेश करने की अनुमति दी जाए।
सीआईएसएफ के विशेष निदेशक ने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय से हमने यह भी आग्रह किया है कि यात्रियों और कर्मचारियों के लिए हवाई अड्डों के प्रत्येक निकास और प्रवेश द्वारों पर सेनेटाइजर की बोतलें रखी जानी चाहिए। सीआईएसएफ ने नई योजना में कहा कि हर दो लोगों के बीच खाली सीट के साथ उड़ान भरना हवाई यात्रियों के लिए ‘नया मानदंड’ हो सकता है। उन्होंने कहा कि भेजे गए प्रस्ताव पर विचार चल रहा है।
इसके अलावा, सीआईएसएफ ने सभी एयरलाइनों को सलाह दी है कि, एयरलाइंस यात्रियों के लिए यह स्पष्ट निर्देश जारी करे, जिसके तहत टिकट बुक के समय उन्हें अपने घर / स्व-क्वारंटाइन इतिहास का विवरण देना अनिवार्य होगा। यदि कोई भी यात्री संक्वारंटाइन इतिहास के बाद उड़ान भरता है, तो सीआईएसएफ उन्हें आइसोलेशन चेकिंग पॉइंट में प्रदर्शित करेगा जहां सीआईएसएफ अधिकारी पूर्ण व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) सूट से ढके होते हैं। विमान चालक दल योजना के अनुसार प्रत्येक जहाज पर सवार यात्रियों को सैनिटाइज़र प्रदान करेगा। कोरोनावायरस के कारण भारत में यात्री उड़ान संचालन 25 मार्च से निलंबित है।
उल्लेखनीय है कि अभी तक, उड़ानों के संचालन को फिर से शुरू करने के लिए सरकार की ओर से कोई स्पष्टता नहीं है। नागरिक उड्डयन मंत्री (एमओसीए) हरदीप पुरी ने ट्वीट किया है कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों यात्री उड़ानों पर वर्तमान लॉकडाउन 15 अप्रैल तक है। इस अवधि के बाद उड़ानों को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया जाना है। यदि आवश्यक हुआ तो हमें इसका आकलन करना होगा। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई), डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) और अन्य हितधारक लॉकडाउन के बाद विमानन सेवा को फिर से शुरू करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।