पटना, 30 जून (हि.स.)। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सूबे में एनडीए कुनबे में बिखराव का खतरा बढ़ने लगा है। भाजपा की तमाम कोशिशों के बावजूद बात संभलती नहीं दिख रही। लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भाजपा और जदयू के सामने बड़ी शर्त रख दी है। उन्होंने साफ-साफ कहा कि अगर बिहार चुनाव में तीन पार्टियां मिल कर चुनाव लड़ने जा रही हैं तो एनडीए के एजेंडे में तीनों पार्टियों की नीति शामिल होनी चाहिये। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या बिहार में मुख्यमंत्री पद के दावेदार घोषित किये जा चुके नीतीश कुमार चिराग पासवान के इस नए पैंतरे को नाकाम कर पाएंगे? अगर नीतीश कुमार चिराग पासवान की शर्तों के साथ समझौता नहीं करते हैं तो बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा और जदयू को बड़ा नुकसान हो सकता है।
दरअसल, विगत रविवार की रात भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव चिराग पासवान से मिलने उनके घऱ गए थे। भाजपा को चिराग पासवान के नाराज होने की खबर मिली थी जिसके बाद भूपेंद्र यादव चिराग से मिलने पहुंचे थे। लोजपा के सूत्र बता रहे हैं कि चिराग पासवान ने भूपेंद्र यादव के सामने बिहार चुनाव को लेकर अपनी शर्त रख दी है। जानकारों के मुताबिक भूपेंद्र यादव सीटों पर बात करने गए थे लेकिन चिराग पासवान ने उनसे सीटों के बंटवारे पर कोई बात ही नहीं की। अंदरखाने से जो खबर आ रही है, उसके मुताबिक चिराग पासवान ने भूपेंद्र यादव के सामने बिहार चुनाव को लेकर अपनी नई शर्त रख दी है। चिराग ने कहा कि बिहार के विकास को लेकर उन्होंने बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट विजन तैयार किया है। उनके विजन को एनडीए के एजेंडे में शामिल किया जाना चाहिये। चिराग ने कहा कि अगर बिहार चुनाव में तीन पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ेंगी और सरकार बनेगी तो एजेंडा भी साझा होगा। अगर सरकार बने तो कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के आधार पर उसे चलाने की बात पहले से तय होनी चाहिये। चिराग पासवान का कहना है कि देश में एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा है। भाजपा को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि गठबंधन की सभी पार्टियों का सम्मान हो। बिहार में किसी खास व्यक्ति की नीति पर सरकार नहीं चल सकती। सियासी गलियारों में पहले से यह चर्चा होती रही है कि नीतीश कुमार चिराग पासवान को निपटाना चाहते हैं लेकिन अब चिराग पासवान ने भी अपने तेवर सख्त कर लिये हैं। चिराग पासवान के कड़े तेवर के बाद सबसे ज्यादा उत्सुकता राजद–कांग्रेस के खेमे में है।