नई दिल्ली, 17 अगस्त (हि.स.)। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने ‘चीनी जासूस’ चार्ली पेंग पर शिकंजा कसते हुए निगरानी बढ़ाने के साथ ही उसे जांच पूरी होने तक देश छोड़ने की इजाजत नहीं दी है, क्योंकि अब तक की जांच से संकेत मिल रहे हैं कि अभी कई बड़े रहस्य खुलने बाकी हैं। हवाला कारोबार की जांच में आयकर विभाग पांच दिन से लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहा है, जिसमें यह काला कारोबार 1000 करोड़ से बढ़कर 3000 हजार करोड़ का होने की जानकारी मिल रही है। हवाला कारोबार के तार दिल्ली से लेकर हैदराबाद तक जुड़े होने से जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है।
जांच एजेंसियों की पूछताछ में पता चला है कि चीनी जासूस चार्ली पेंग का असली नाम लियो संग है। वह भारत में नेपाल के रास्ते चार्ली पेंग के नाम से फर्जी दस्तावेज के सहारे आया था। भारत आकर उसने चार्ली पेंग के नाम से ही पासपोर्ट बनवाया जो 31 जुलाई, 2018 को जारी किया गया, जिसका नंबर एस-1291320 है। भारत का पासपोर्ट हासिल करने के लिए उसने मणिपुर की एक महिला से शादी की थी। इसलिए यह पासपोर्ट बनवाते समय उसने खुद को मणिपुर का निवासी बताया था। जासूसी के मामले में उससे पूछताछ करने में अब कई जांच एजेंसियां शामिल हो गई हैं और उस पर शिकंजा कस रही हैं। अब तक की जांच में चीनी जासूसी के साथ-साथ हवाला कारोबार के बड़े रैकेट का खुलासा हो रहा है लेकिन अभी भी कई बड़े रहस्य खुलने बाकी हैं। इसीलिए जांच एजेंसियों ने चार्ली पेंग पर निगरानी बढ़ा दी है और उसे जांच पूरी होने तक देश छोड़ने की इजाजत नहीं दी गई है। इस बीच उसने गुरुग्राम के अपने घर से एक वीडियो जारी करके खुद को बेगुनाह बताया है।
हवाला कारोबार से जुड़े मामले में आयकर विभाग पांच दिन से लगातार सर्च आपरेशन चला रहा है। 11 अगस्त को छापेमारी की शुरुआत में 1000 करोड़ के हवाला कारोबार की जानकारी मिली थी लेकिन जांच आगे बढ़ने पर अब 3000 हजार करोड़ के कारोबार की जानकारी मिल रही है। इससे जुड़े कई अहम दस्तावेज अब तक बरामद हो चुके हैं, जिसमें इस काले कारोबार के तार हैदराबाद से भी जुड़े मिल रहे हैं।दरअसल, हैदराबाद पुलिस को दो लोगों से शिकायत मिली थी कि ऑनलाइन गेम वेबसाइट में दांव लगाने के बाद उनसे धोखाधड़ी की गई और उन्होंने क्रमशः 97,000 और 1,64,000 रुपये गंवा दिये। हैदराबाद पुलिस की जांच-पड़ताल में इस धोखाधड़ी के तार दिल्ली से जुड़े मिले। इस पर हैदराबाद पुलिस ने 14 अगस्त को दिल्ली आकर चीनी नागरिक याह हाओ और कंपनी के तीन निदेशकों धीरज सरकार, अंकित कपूर और नीरज तुली को गिरफ्तार कर लिया और अपने साथ ले गई।
जांच के दौरान हैदराबाद पुलिस को गुरुग्राम के दो बैंक खातों का पता चला, जिसमें लगभग 30 करोड़ रुपये हैं, जिसकी निकासी पर रोक लगा दी गई है। दोनों खातों से करीब 1,100 करोड़ रुपये के लेन-देन का अभी तक पता चला है, जिसमें से अधिकतर निकासी 2020 में की गई है। हवाला कारोबार के इस रैकेट का संचालन चाइनीज गेमिंग कंपनी ‘बीजिंग टी पावर कंपनी’ के तहत किया जा रहा था। अभी तक पता चले 1000 करोड़ के ट्रांजैक्शन में ज्यादातर लॉकडाउन के दौरान किये गए। पकड़ा गया चीनी नागरिक याह हाओ ऑनलाइन कंपनी का साउथ ईस्ट एशिया का ऑपरेशनल हेड है। पकड़े गये नीरज तुली के नाम पर कई दस्तावेज मिले हैं, जिनमें उसे बीजिंग टी पावर के तहत चलने वाली कई फर्मों में डायरेक्टर दिखाया गया है।
पकड़े गए नीरज तुली ने पूछताछ में बताया है कि उसकी दिल्ली के करोल बाग में छोटी सी दुकान है, जिसमें वह आम का कारोबार करता है। उसका कहना है कि उसे नहीं पता कि उसके नाम का इस्तेमाल चीनी कंपनी चलाने में कैसे हो रहा था। तुली ने बताया कि उसके पड़ोसी चार्टर्ड अकाउंटेंट पी हेमंत ने उससे कुछ दस्तावेज पर हस्ताक्षर करवाए थे। अब हेमंत की तलाश की जा रही है। 2019 से 2020 के बीच भारत में ऐसी 8 फर्मों का रजिस्ट्रेशन हुआ। ये कंपनियां सिर्फ रेफरेंसेज के जरिए ऑनलाइन गैम्बलिंग चला रही थीं। पेमेंट अलग-अलग ई-पेमेंट गेटवेज के जरिए लिया जाता था। बाकी दो डायरेक्टर धीरज सरकार और अंकित कपूर को पूरे कारोबार के बारे में जानकारी थी।