विदेशी पत्रकारों के खिलाफ चीन रच रहा साजिश, वीजा वापस लेने की धमकी : मीडिया रिपोर्ट

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बीजिंग, 02 मार्च (हि.स.)। चीनी सरकार पत्रकारों से वीजा वापस लेने की धमकी दे रही है, इसका खुलासा एक रिपोर्ट में हुआ है। एक मीडिया ग्रुप ने कहा है कि सरकार यह कदम विदेशी मीडिया को डराने के लिए उठा रही है। हालांकि इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ।

अपनी वार्षिक रिपोर्ट में फॉरेन करस्पॉन्डेंट क्लब ऑफ चाइना (एफसीसीसी) ने कहा कि काफी संख्या में पत्रकारों को बाहर निकालने की योजना बनी है। इस साल केवल दो पत्रकारों को वर्किंग वीजा दिया गया है, जो सिर्फ एक महीने के लिए है। कम से कम 12 पत्रकारों को प्रेस के परिचय पत्र दिए गए जो छह महीने या उससे कम समय तक वैध हैं। पिछले साल की तुलना में दोगुने से अधिक शॉर्ट-टर्म वीजा दिए गए, जिसे एफसीसीसी ने इसे एक रिकॉर्ड कहा है।

रेजीडेंट जर्नलिस्ट वीजा जो विदेशी पत्रकारों के लिए अनिवार्य है वो औमतौर पर एक महीने के लिए जारी किए जाते हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीनी अधिकारी वीजा का प्रयोग विदेशी मीडिया के खिलाफ हथियारों की तरह कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2013 से राष्ट्रपति शी जिन पिंग के सत्ता में आने के बाद से चीन ने नौ विदेशी पत्रकारों को बाहर किया है या तो उनके वीजा को रिन्यू नहीं किया गया या फिर उन्हे सीधे बाहर निकाल दिया गया है।

रिपोर्ट में पत्रकारों पर एक सर्वेक्षण का भी उल्लेख है जिसमें 82 प्रतिशत ने कहा है कि चीन में रिपोर्टिंग करते समय उन्हें दखल, हिंसा और प्रताड़ना का सामना करना पड़ा है। इसस साल दोगुने पत्रकारों ने अपने परिचय पत्रों को रिन्यू कराने में परेशानी का समना करना पड़ा और लगभग सभी का मानना है कि यह उनकी रिपर्टिंग से संबंधित था।

पिछले साल फरवरी में चीन ने वॉल स्ट्रीट जनरल के तीन पत्रकारों को देश से बाहर जाने के लिए कहा था। उन पर आरोप था कि उन्होंने एक शीर्षक को नस्लवादी बताया था, जबकि इन लोगों को इसकों लिखने में कोई भूमिका नहीं थी।

 


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