नई दिल्ली, 17 जून (हि.स.)। लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ खूनी संघर्ष के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति बेहद तनावपूर्ण है। भारत ने सेना को अपने हिसाब से फैसला लेने की छूट दे दी गई है। कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्यॉरिटी अफेयर्स की बैठक में इस बारे में फैसला किया गया है। इस बीच अभी रक्षा मंत्री, तीनों सेना के चीफ लगातार बैठक कर रहे हैं। इस बीच गलवान घाटी में सोमवार रात को चीन के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए जवानों की सूची भारतीय सेना ने जारी कर दी है।
भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई झड़प वाली जगह की गलवान घाटी के ऊपर 16 जून को सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों में साफ नजर आ रहा है कि कैसे चीन भारतीय इलाके में घुसने के फिराक में है। इन तस्वीरों में बहुत छोटे-छोटे चीनी जवान नजर आ रहे हैं। तस्वीरों में चीन के सैकड़ों सैन्य वाहन और आर्मी कैंप दिख रहे हैं और चीनी सैनिकों को तीन भागों में बांटा गया है। चीनी सैनिकों द्वारा की गई हिंसक झड़प के बावजूद भारतीय सैनिक अपनी पोस्ट पर ही मजबूती से तैनात हैं। भारतीय सेना ने आधिकारिक तौर पर 20 सैनिकों के शहीद होने की पुष्टि करते हुए उनकी सूची भी जारी कर दी है।
बिहार रेजिमेंट
1. कर्नल बी संतोष बाबू
2. नायब सूबेदार सतनाम सिंह
3. नायब सूबेदार मनदीप सिंह
4. नायब सूबेदार नंदू राम सोरेन
5. नायब सूबेदार दीपक सिंह
6. सिपाही कुंदन कुमार
7. सिपाही अमन कुमार
8. सिपाही चंदन कुमार
9. सिपाही गणेश हजदा
10. सिपाही गणेश राम
11. सिपाही केके ओझा
12. सिपाही राजेश ओराव
13. सिपाही सीके प्रधान
14. सिपाही सुनील कुमार
15. सिपाही जय किशोर सिंह
81 एमपीएससी रेजिमेंट
16. हवलदार सिपाही बिपुल रॉय
पंजाब रेजिमेंट
17. सिपाही गुरुतेज सिंह
18. सिपाही अंकुश
19. सिपाही गुरुविंदर सिंह
81 फील्ड रेजिमेंट
20. हवलदार के पलानी
गलवान घाटी में सोमवार शाम हुई झड़प में जान गंवाने वाले भारतीय सैनिकों को लेह स्थित आर्मी अस्पताल में पुष्पांजलि दी गई। इस दौरान इलाके में चॉपर की आवाजाही भी दिखी।
सोमवार को हुई घटना के बारे में सूत्रों का कहना है कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने लगभग 120 भारतीय सैनिकों यानी लगभग पूरी कंपनी को घेर लिया था। इसके बाद बर्बरतापूर्ण तरीके से लोहे की रॉड और नुकीले डंडों से लैस चीन के जवानों ने 16 बिहार रेजीमेंट के जवानों पर प्रहार किया। गलवान घाटी में पॉइंट 14 पर मौजूद चीनी सैनिकों ने बड़े-बड़े पत्थरों को भारतीय सैनिकों की तरफ फेंका। भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों का बहादुरी से सामना किया। भारतीय सैनिकों के पास अपनी सुरक्षा के लिए मौके नहीं थे। भारतीय सैनिक आग्नेयास्त्रों का उपयोग नहीं करने के सरकारी निर्देशों से असहाय थे। इसमें कमांडिंग अफसर कर्नल संतोष बाबू समेत 20 जवान शहीद हो गए।
सूत्रों ने बताया कि हालांकि इस संघर्ष में चीन के कमांडिंग ऑफिसर समेत 40 सैनिकों के मारे जाने की भी खबर है। विश्वसनीय स्रोतों के अनुसार पीएलए के हताहतों की संख्या सौ से अधिक हो सकती है क्योंकि उनके हेलीकॉप्टर अभी भी घटनास्थल से शवों और घायल सैनिकों को उठा रहे हैं।