चीन सीमा पर लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में तैनात होगा रूसी एस-400 मिसाइल सिस्टम
नई दिल्ली, 22 नवम्बर (हि.स.)। चीन के नगरी गुंसा एयरपोर्ट और न्यींग्ची हवाई अड्डों पर पहले से ही तैनात एस-400 सिस्टम को सटीक जवाब देने के लिए भारत भी चीन सीमा पर लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में रूसी ‘रक्षा कवच’ तैनात करेगा। दुश्मन के इलाके में करीब 400 किलोमीटर तक मारक क्षमता वाले इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम के कई पुर्जों की आपूर्ति इसी महीने रूस से शुरू की गई है। एस-400 प्रणाली को संचालित करने के लिए रूस में प्रशिक्षण लेकर वायु सेना की दो टीमें भारत लौट चुकी हैं। भारत के रक्षा बेड़े में जल्द ही शामिल होने वाले इस रूसी मिसाइल डिफेंस सिस्टम से पूरी दुनिया खौफ खाती है।
इसी महीने जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आ रहे हैं। उनकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से 6 दिसंबर को नई दिल्ली में मुलाकात होगी। पुतिन से रिश्ते अच्छे होने होने की वजह से प्रधानमंत्री मोदी ने एस-400 मिसाइल सिस्टम की जल्द आपूर्ति के लिए आग्रह किया था। इसीलिए कोविड-19 महामारी की खतरनाक स्थिति के बीच भी रूसी इंजीनियर्स ने लगातार काम करके भारत के लिए एस-400 मिसाइल सिस्टम तैयार किया है। एस-400 प्रणाली को संचालित करने के लिए रूस में वायु सेना की दो टीमों को प्रशिक्षित किया है जो भारत लौट चुकी हैं। अगले महीने पुतिन की यात्रा के मद्देनजर रूस से मिसाइल डिफेंस सिस्टम के कई पुर्जों की आपूर्ति इसी महीने शुरू कर दी गई है।
चीन ने अपने नगरी गुंसा एयरपोर्ट और न्यींग्ची हवाई अड्डों पर पहले से ही तैनात एस-400 सिस्टम तैनात कर रखा है। भारत ने पहले से ही चीन सीमा पर आकाश मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात कर रखा है। अब रूस से एस-400 सिस्टम मिलने से पहले ही भारत ने देश की उत्तर-पूर्वी सीमाओं पर एस-400 एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम की कम से कम दो रेजिमेंटों को तैनात करने का फैसला लिया है। दुश्मन के इलाके में करीब 400 किलोमीटर तक मारक क्षमता वाले इस रूसी ‘रक्षाकवच’ को चीन सीमा पर लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में तैनात किये जाने की योजना है। आधुनिक रूसी मिसाइस सिस्टम के जरिए भारतीय वायु सेना एलएसी पर चीनी सेना की क्षमता की बराबरी कर सकेगी।
भारत ने रूस के साथ पांच एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 खरीदने के लिए 5.43 बिलियन डॉलर यानी 40,000 करोड़ रुपये में सौदा किया था। भारतीय वायुसेना को एस-400 ‘ट्रायम्फ’ मिसाइल की कुल पांच रेजीमेंट (फ्लाइट) मिलनी हैं। हर फ्लाइट में आठ लॉन्चर हैं और हर लॉन्चर में दो मिसाइल हैं। भारत इसके लिए 2019 में 80 करोड़ डॉलर की पहली किश्त का भुगतान भी कर चुका है। यह मिसाइल सिस्टम एक साथ मल्टी टारगेट को निशाना बनाकर दुश्मन के लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और यूएवी को नष्ट कर सकते हैं।