नई दिल्ली, 15 जून (हि.स.)। चीन और पाकिस्तान के पास भारत की तुलना में अधिक परमाणु हथियार हैं। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीपरी) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि भारतीय वायुसेना ने अपने विमानों को 48 परमाणु बम सौंपे हैं और कथित तौर पर परमाणु गुरुत्वाकर्षण बमों की डिलीवरी के लिए अपने मिराज 2000एच लड़ाकू-बमवर्षकों को प्रमाणित किया है।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई-सीपरी) ने सोमवार को सीपरी-2020 ईयर बुक लॉन्च की है, जिसमें मौजूदा समय में दुनिया की आयुध, निरस्त्रीकरण और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा का आकलन किया गया है। इसमें विश्व परमाणु शक्ति के बारे में जनवरी 2020 तक की स्थितियों के आधार पर महत्वपूर्ण खोज की गई है कि 2019 के मुकाबले सभी परमाणु संपन्न देश 2020 में भी अपने परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण कर रहे हैं।
सीपरी अपने विश्व परमाणु बलों के आंकड़ों को हर साल नई जानकारी और पूर्व के आकलन के अपडेट के आधार पर संशोधित करता है। कुल आंकड़े में उच्चतम अनुमान शामिल होता है जब एक सीमा दी जाती है। उत्तर कोरिया के आंकड़े बेहद अनिश्चित हैं और कुल आंकड़ों में शामिल नहीं हैं।
सीपरी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत ने 1974 में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था और इस समय भारत के पास 150 वॉरहेड हैं। पाकिस्तान ने 1998 में अपने परमाणु परीक्षण किए थे, अब उसके पास 160 वॉरहेड हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन ने एक दशक पहले परमाणु परीक्षण किया था और इस समय उसके पास 320 वॉरहेड हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस क्रमशः 5,800 और 6,375 वॉरहेड्स के साथ सूची में सबसे ऊपर हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2019 की शुरुआत मेंनौ परमाणु संपन्न देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इजरायल और डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (नॉर्थ कोरिया) के पास लगभग 13,865 परमाणु हथियार थे। सीपरी ने अनुमान लगाया था कि 2020 में 13,400 परमाणु हथियार होंगे लेकिन इसमें आई कमी को रिपोर्ट में चिह्नित किया गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस ने इस समय लगभग 3720 परमाणु हथियार परिचालन बलों के साथ तैनात कर रखे हैं और इनमें से लगभग 1800 को उच्च परिचालन चेतावनी की स्थिति में रखा गया है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत और पाकिस्तान अपने-अपने शस्त्रागार को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं लेकिन इसके मुकाबले चीन महत्वपूर्ण आधुनिकीकरण के साथ-साथ अपने परमाणु शस्त्रागार का भी विस्तार कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत भी अपने परमाणु हथियार भंडार का आकार बढ़ाने के साथ-साथ परमाणु हथियार बनाने के लिए अपने बुनियादी ढांचे का विस्तार कर रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत अपनी यूरेनियम संवर्धन क्षमताओं को भी बढ़ा रहा है और यूरेनियम के लिये अत्यधिक समृद्ध कर्नाटक के मैसूर के पास रत्तेहल्ली संयंत्र में यूरेनियम का उत्पादन जारी है।
सीपरी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय वायुसेना ने अपने विमान को 48 परमाणु बम सौंपे हैं और कथित तौर पर परमाणु गुरुत्वाकर्षण बमों की डिलीवरी के लिए अपने मिराज 2000एच लड़ाकू बमवर्षक विमान को प्रमाणित किया है। अनुमान लगाया गया है कि भारतीय वायुसेना के जगुआर विमान की परमाणु बमबारी में अहम भूमिका हो सकती है। भारत की समुद्र आधारित क्षमता के बारे में अनुमान लगाया गया है कि अरिहंत परमाणु पनडुब्बी द्वारा संभावित तैनाती के लिए 12 परमाणु वारहेड वितरित किए गए हैं।