नई दिल्ली, 04 सितम्बर (हि.स.)। चीन से तनाव के बीच सैन्य तैयारियों की समीक्षा के लिए तीन दिनों के भीतर सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने लद्दाख सीमा और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने पूर्वी क्षेत्र का दौरा किया है। सेना प्रमुख नरवणे ने पूर्वी लद्दाख की चीन सीमा पर चुशुल क्षेत्र का दौरा किया। इसी इलाके में सेना ने पिछले 4 दिनों के भीतर अधिकांश महत्वपूर्ण चोटियों पर सैनिकों की तैनाती करके चीन के मुकाबले रणनीतिक ऊंचाई हासिल कर ली है। इसी तरह एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने कलिकुंडा एयरबेस, हासीमारा वायु सेना स्टेशन का दौरा किया जहां फाइटर जेट राफेल की दूसरी स्क्वाड्रन बनाई जानी है।
जनरल एमएम नरवणे ने लेह का दौरा किया और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ सुरक्षा स्थिति और परिचालन संबंधी तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने व्यावसायिकता के उच्च मानकों और कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए सैनिकों की सराहना की। दो दिवसीय दौरे के पहले दिन लेह पहुंचे जनरल नरवणे ने उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी और 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह से एलएसी की स्थिति के बारे में जानकारी ली। उन्हें सर्दियों के दिनों में परिचालन तैयार होने की स्थिति और सैनिकों के लिए रसद व्यवस्था पर जानकारी दी। थल सेनाध्यक्ष ने परिचालन प्रभावशीलता और बलों की क्षमता बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया।
इसके बाद अपने दौरे के दूसरे दिन आज सेना प्रमुख ने दक्षिण पैंगोंग में सेना की कार्रवाइयों का जायजा लेने के लिए चुशुल का दौरा किया। उन्होंने अन्य क्षेत्रों में हवाई और जमीनी सर्वेक्षण भी किया। जनरल नरवणे ने कठिन हाई एल्टीट्यूड फॉरवर्ड क्षेत्रों में तैनात सैनिकों और स्थानीय कमांडरों के साथ बातचीत की। उन्होंने खुद के क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा में इकाइयों द्वारा प्रदर्शित व्यावसायिकता के उनके उच्च मनोबल और मानकों की सराहना की। उन्होंने सभी रैंकों से सतर्क रहने और परिचालन तत्परता के उच्च क्रम को बनाए रखने का आग्रह किया। सेना प्रमुख ने इस क्षेत्र के दौरे के समय तैनात जवानों की पीठ थपथपाई और किसी भी परिस्थिति से मुकाबला करने के लिये हौसला अफजाई की। इसी के साथ उन्होंने आज लेह-लद्दाख की दो दिवसीय यात्रा का समापन किया।
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने दो दिन पहले लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ बढ़ रहे तनाव को कम करने और सैन्य तैयारी की समीक्षा के लिए हाशिमारा सहित पूर्वी क्षेत्र में सीमावर्ती फ्रंटलाइन एयरबेस का दौरा किया। आसमानी तैयारियों का जायजा लेने के लिये पूर्वी क्षेत्र में निकले वायु सेना प्रमुख का पूर्वी वायु कमान के सैन्य ठिकानों पर पहुंचने पर संबंधित वायु अधिकारी कमांडिंग ने स्वागत किया। उन्हें उनकी कमांड के तहत तैयारी की स्थिति और लड़ाकू इकाइयों की परिचालन, तत्परता और ऑपरेशन की तैयारियों से अवगत कराया गया। वायु सेना प्रमुख ने अपनी यात्रा के दौरान इन सैन्य इकाइयों में सेवारत वायु योद्धाओं से भी मुलाकात की और उनसे बातचीत की। उन्होंने सैन्य अड्डे के कर्मियों द्वारा सभी भूमिकाओं में प्रवीणता बनाए रखने की दिशा में किए गए केंद्रित प्रयासों की सराहना की और उनसे आग्रह किया कि वे पूरी लगन के साथ अपना कर्तव्य निभाते रहें।
एयर चीफ मार्शल ने कलिकुंडा एयर बेस, हासीमारा वायु सेना स्टेशन का दौरा किया। हासीमारा में ही फ्रांस से मिलने वाले लड़ाकू विमान राफेल की दूसरी स्क्वाड्रन बनाई जानी है। फ्रांसीसी लड़ाकू राफेल की पहली स्क्वाड्रन अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर ‘गोल्डन एरोज’ बनाई गई है। पहली खेप में 29 जुलाई को फ्रांस से भारत पहुंचे पांच राफेल विमानइसी स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरोज’ में उतरे थे। फ्रांस से 4 राफेल लड़ाकू जेट का दूसरा बैच भी अक्टूबर में अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर राफेल के लिए बनाई गई 17 स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरोज’ में ही पहुंचेगा। भारत सरकार ने फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन से 59 हजार करोड़ रुपये में 36 विमानों का सौदा किया है। धीरे-धीरे सभी 36 विमानों की डिलीवरी 2021 तक पूरी हो सकती है। इसलिए अभी से राफेल की दूसरी स्क्वाड्रन कलिकुंडा एयर बेस, हासीमारा में बनाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।