लखनऊ, 22 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लोकभवन में कोरोना संक्रमण से बेसहारा हुए बच्चों की देखभाल के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का शुभारम्भ किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उप्र सरकार का संकल्प है कि प्रदेश का एक भी बच्चा निराश्रित न रहे। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपना या अपने बच्चों का जन्मदिन बाल संरक्षण गृह तथा आंगनबाड़ी में मनाने की अपील की है।
इसके पूर्व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा प्रदेश के 4050 बच्चों के अभिभावकों के खाते में तीन माह की अग्रिम सहायता राशि 12-12 चार रुपये हस्तांतरित की गई।
गौरतलब है कि राज्य में इस योजना के तहत 4050 बच्चों को लाभ मिलेगा। प्रदेश में 240 बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गई है। 3810 ऐसे बच्चे हैं, जिनके माता-पिता में से किसी एक की कोरोना से मौत हुई है। एक से 18 साल के बच्चे, जिनके माता या पिता या दोनों की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई है, उन्हें मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत चार हजार रुपये हर महीने की आर्थिक मदद मिलेगी। इसके अलावा 11 से 18 वर्ष तक की आयु के ऐसे बच्चों को अटल आवासीय और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में फ्री शिक्षा दी जाएगी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी ने समय-समय पर देश को मार्गदर्शन दिया। उनके नेतृत्व में इस सदी की सबसे बड़ी महामारी के विरुद्ध भारत पूरी प्रतिबद्धता के साथ न केवल लड़ रहा है, अपितु सफलतापूर्वक मुकाबला भी किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कोरोना काल में माता-पिता या अभिभावक को खोने वाले बच्चों के पालन-पोषण व शिक्षा के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। आज राज्यपाल के कर कमलों से 03 माह (जुलाई, अगस्त व सितम्बर) की अग्रिम सहायता राशि 12-12 हजार रुपये निराश्रित बच्चों के खाते में हस्तांतरित हुई है। प्रदेश सरकार का संकल्प है कि एक भी बच्चा निराश्रित न रहे। कहा कि निराश्रित बच्चों की मदद के लिए सभी को आगे आना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कोरोना महामारी को रोकने के लिए तमाम प्रयासों के बावजूद भी जो मौतें भारत के अंदर हुई, अगर हम दुनिया की सबसे ताकतवर अमेरिका से इसकी तुलना करें तो अमेरिका की आबादी भारत की आबादी की एक चौथाई है। अमेरिका की हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के सामने हमारा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर कमजोर है। यद्यपि हर मौत दु:खद है। भारत की एक चौथाई आबादी के बावजूद जब अमेरिका के मौत के आंकड़े को देखते हैं, तो वहां भारत से लगभग डेढ़ गुना से अधिक मौतें हुई हैं।
उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील किया कि यदि आप जन्मदिन मनाते हैं तो प्रयास रहे कि किसी बाल संरक्षण गृह या आंगनबाड़ी केंद्र में जाकर बच्चों को गिफ्ट देकर उनके जीवन में पुनः खुशियां भरने का प्रयास करें। संवेदनशील होकर सामाजिक स्तर पर हमें ये प्रयास करने ही होंगे। कहा, आखिर किसी संवेदनशील सरकार में कोई बच्चा स्वयं को निराश्रित कैसे महसूस कर सकता है।
उन्होंने कहा कि कोरोना कालखंड में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता या लीगल गार्जियन को खोया है, उन्हें 18 वर्ष की आयु तक उप्र सरकार उनके लालन-पालन, शिक्षा व सुरक्षा का समुचित प्रबंध करेगी। उन्हें 18 वर्ष की आयु तक उप्र सरकार उनके लालन-पालन, शिक्षा व सुरक्षा का समुचित प्रबंध करेगी। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह, मंत्री स्वाती सिंह समेत अधिकारीगण तथा अन्य लोग उपस्थित रहे।