चिदंबरम ने आईसीएमआर के ‘रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट’ के सुझाव का किया स्वागत
नई दिल्ली, 05 अप्रैल (हि.स.)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कोरोना वायरस संक्रमण के ज्यादा प्रभावित इलाकों में ‘रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट’ कराने के भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सुझाव का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के मामलों की त्वरित पहचान करने के मद्देनजर यह बहुत अच्छा उपया है, जिसे बहुत पहले किया जाना चाहिए था।
कांग्रेस नेता ने कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए आईसीएमआर के सुझाव को वर्तमान स्थिति में सबसे बेहतर उपाय बताया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि विशेषज्ञों एवं डॉक्टरों को यह सलाह बहुत पहले ही सरकार को देनी चाहिए थी। पूर्व वित्तमंत्री ने रविवार को ट्वीट कर कहा, ‘कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) ने अपने प्रस्ताव में कहा था कि सीमित परीक्षण एक त्रुटिपूर्ण रणनीति थी। महामारी को रोकने के लिए व्यापक और आक्रामक परीक्षण की जरूरत है। सरकार को इस योजना को जल्द शुरू करना चाहिए।’ उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन तभी प्रभावी होगा जब सभी लोग जांच, आइसोलेट और इलाज के सही क्रम में सहयोग करेंगे। हम लोगों को जापान, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर से सबक सीखने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि आईसीएमआर ने कोविड-19 वायरस को लेकर सरकार को दिए अपने अंतरिम परामर्श में कहा कि ज्यादा प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों की जांच रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट के जरिए की जा सकती है। इस जांच में संक्रमित पाए जाने वाले मामलों की पुष्टि गले या नाक से लिए गए नमूनों के आरटी-पीसीआर से की जाएगी और एंटीबॉडी जांच नकारात्मक पाए जाने पर उन्हें घर पर ही पृथक रहना होगा। खास बात यह है कि इसके नतीजे 30 मिनट में आ जाते हैं।