छत्तीसगढ़ :नीम बीज संग्रहण में जुटी चार हजार से अधिक ग्रीन आर्मी की महिलाएं

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630 लीटर नीम तेल और 1200 किलो खली किया तैयार



धमतरी, 26 दिसंबर ( हि. स.)। नीम का पेड़ औषधीय गुणों से परिपूर्ण है। नीम के पत्ते, छाल या फिर बीज सभी गुणकारी है। गर्मी के दिनों में तपिश के बीच चलती हवा के साथ नीम के बीज पेड़ों से पककर गिरते देखे जा सकते हैं। यह निंबोली अक्सर पत्ते और धूल के बीच पड़े रहकर कचरे में तब्दील हो जाती है। ऐसे में धमतरी जिले में एक अनूठी पहल की गई है। जिले की ग्रीन आर्मी की महिलाओं को नीम बीज संग्रहण का जिम्मा सौंपा गया। जिले में लगभग 16 हजार नीम के पेड़ हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 623 गांव में ग्रीन आर्मी गठित है। इसमें आठ से 10 महिलाएं बतौर ग्रीन आर्मी साफ-सफाई के काम से जुड़ी हैं। जून महीने में जब नीम के बीज पककर गिरने लगे तो इन महिलाओं को साफ-सफाई के साथ बीज एकत्र करने का काम दिया गया।
ग्रीन आर्मी की महिलाओं ने सात टन नीम बीज जिले में एकत्र किए। इसे सुखाकर छाती स्थित मल्टी युटिलिटी सेंटर प्रोसेसिंग के लिए भेजा गया। यहां कार्यरत महिला समूह ने छिलके से बीज (चिरोंजी) निकाली, जो लगभग दो टन एक सौ किलो था। इसी बीज से 630 लीटर तेल और एक टन दो सौ किलो खली निकला। नीम बीज का तेल और खली दोनों ही काफी उपयोगी होते हैं। कुदरती गुणों से भरे नीम बीज के तेल को जानकार लोग हाथों-हाथ खरीदने छाती पहुंचने लगे। यहां प्रति लीटर नीम तेल चिल्हर में ढाई सौ रुपये और 50 लीटर से अधिक क्रय करने पर 230 रुपये प्रति लीटर में बिक्री के लिए रखा गया। डा दिनेश नाग ने ढाई सौ रुपये लीटर की दर से दस लीटर तेल खरीद लिया। मार्केट में इसकी कीमत काफी ज्यादा है। आगे भी जरूरत के हिसाब से वे नीम तेल यहां से खरीदेंगे। पंचकर्म थेरेपी के दौरान उनके मरीजों को भी यह तेल काफी प्रभावित कर रही। नगरी के ग्राम पंचायत बांधा की ग्रीन आर्मी स्वच्छाग्राही नर्मदा मंडावी का कहना है कि गांव की साफ-सफाई करते हुए नीम बीज संग्रहण के दौरान यह एहसास हुआ कि नीम के पत्ते, शाख के अलावा इसके निंबोली भी बड़े काम के हैं।
छाती मल्टीयुटिलिटी सेन्टर से जुड़ी महिला समूह की सदस्य मधु चंद्राकर का कहना है कि नीम बीज प्रोसेसिंग के समय समूह की महिलाओं को बीज की उपयोगिता की जानकारी मिली। मंडला के वन विभाग ने भी छाती मल्टी युटिलिटी सेंटर से 20 लीटर नीम तेल खरीदा है। इसके अलावा नीम बीज की खली जो लगभग एक टन दो सौ किलो निकली है, उसे कृषि, उद्यानिकी विभाग और किसानों द्वारा जैविक खाद के रूप में उपयोग करने 20 रुपये प्रति किलो में खरीदा जा रहा है। नीम बीज के औषधीय गुणों को ध्यान में रख आयुर्वेदिक और एलोपेथिक दवाइयां बनाने वाली फर्मों से टाई-अप करने की ज़िले में योजना है। ताकि भविष्य में नीम बीज का तेल निकालने का कार्य और बड़े पैमाने पर कर, इसके संग्रहण, प्रोसेसिंग और पैकेजिंग में लगी समूह की महिलाओं को ज्यादा लाभ पहुंचाया जा सके।

 


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