कृषि सुधार कानूनों के विरोध में रायपुर से 300 किसानों का जत्था दिल्ली बॉर्डर के लिए रवाना

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रायपुर,8 जनवरी (हि.स.)। केंद्र सरकार के तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन शुक्रवार को 43वें दिन भी जारी है। इस आंदोलन में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ के 300 से अधिक किसान भी रायपुर के अंतरराज्यीय बस अड्डे से दिल्ली बॉर्डर के लिए रवाना हुए हैं। एक सप्ताह बाद एक नये जत्थे को भी रवाना करने की तैयारी है।

छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के नेतृत्व में 300 से अधिक किसानों का यह जत्था गुरुवार देर रात को रायपुर के अंतरराज्यीय बस अड्डे से रवाना हुआ। महासंघ के नेताओं डॉ. संकेत ठाकुर, रूपन चंद्राकर, गौतम बद्योपाध्याय, जुगनू चंद्राकर, पूर्व विधायक वीरेंद्र पांडेय आदि ने हरी झंडी दिखाकर इस जत्थे को रवाना किया। वहीं टाटीबंध गुरुद्वारा परिसर से भी दो बसाें में 60 किसानों का एक दूसरा जत्था रवाना किया गया है। एक सप्ताह बाद नये जत्थे को भी रवाना करने की तैयारी है।

किसान नेताओं ने बताया कि सिख समाज के लोगों से मदद मिल रही है। किसान अपने साथ कम से कम एक महीने का राशन ले जा रहे हैं। साथ जा रहे ट्रकों में रहने, सोने, ओढ़ने-बिछाने के साथ नास्ता और भोजन का पूरा इंतजाम है।तीन सौ किसानों के जत्थे में अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के राज्य सचिव तेजराम विद्रोही भी शामिल हैं। विद्रोही ने बताया कि यह जत्था उन लोगों को जवाब है जो दिल्ली में चल रहे आंदोलन को केवल पंजाब-हरियाणा के किसानों का आंदोलन बता रहे हैं।

इस जत्थे के लिए ट्रक उपलब्ध कराने वाले ट्रांसपोर्टर अमरीक सिंह ने बताया कि दिल्ली आंदोलन में जाने के लिए ट्रकों को मोडिफाई किया गया है। ट्रक में दो डेक बनाए गए हैं। ट्रक को अगल-बगल और ऊपर से वॉटरप्रूफ तिरपाल से ढका गया है। यह तेज हवा में भी नहीं उड़ेगा। अंदर मोबाइल चार्जर पॉइंट भी लगाए गए हैं।

 


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