रायपुर, 22 दिसम्बर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार दो वर्ष के भीतर 25 हजार 277 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है। इस राशि के साथ सरकार पर कर्ज का कुल बोझ 66 हजार 968 करोड़ रुपये हो गया है। विधानसभा में आए एक प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने लिखित उत्तर में यह जानकारी दी है।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की विधायक डॉ. रेणु जोगी ने सरकार से कर्ज और ब्याज भुगतान को लेकर प्रश्न पूछा था । इसके जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखित उत्तर में बताया सरकार गठन से एक दिन पहले यानी 16 दिसम्बर 2018 को सरकार पर 41 हजार 695 करोड़ रुपये का कर्ज था। दो वर्ष बीतने के बाद 15 नवम्बर 2020 की स्थिति में सरकार पर 66 हजार 968 रुपये का कर्ज हो गया है।
वित्त विभाग के जवाब में सामने आया कि सरकार ने वर्ष 2019-20 में 4 हजार 225 करोड़ रुपये का ब्याज भुगतान किया। अनुमान है कि इस वर्ष ब्याज भुगतान के लिए सरकार को 5 हजार 330 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं।
चालू वित्त वर्ष में सरकार विभिन्न वित्तीय संस्थाओं से 5 हजार 416 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है। इसमें 5 हजार करोड़ भारतीय रिज़र्व बैंक के जरिए बाजार से उधार लिए गए हैं। 303 करोड़ रुपये राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक से कर्ज के तौर पर हैं। एशियन डेवलपमेंट बैंक और विश्व बैंक से भी 113 करोड़ रुपये की रकम कर्ज में ली गई है।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने इस हालत पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जोगी ने कहा केवल दो वर्षों में 60 प्रतिशत कर्ज बढ़ गया है। पिछले वर्ष की तुलना में 1105 करोड़ रुपये से अधिक ब्याज चुकाना होगा। ये कर्जमुक्त छत्तीसगढ़ बनाने की बात करते थे, लेकिन दो साल में पूरे प्रदेश को कर्ज युक्त कर दिया है। जोगी ने कहा कि आने वाली पीढ़ियां कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेंगी।