रायपुर, 24 दिसम्बर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के कुनकुरी में स्थित एशिया का दूसरा सबसे बड़ा चर्च इस बार क्रिसमस पर श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह बंद रहेगा। 10 हजार से अधिक लोगों की बैठक क्षमता वाले इस चर्च में क्रिसमस पर इससे कहीं अधिक लोगों की भीड़ जुटती रही है। इस बार क्रिसमस की विशेष प्रार्थना सभा के लिए चर्च में केवल पुरोहित वर्ग मौजूद रहेंगे। चर्च में क्रिसमस के लिए कोई विशेष साज-सज्जा भी नहीं हुई है। हांलाकि ईसा मसीह के जन्म की झांकी दिखाने वाली चरनी जरूर बनाई जाएगी। यह आयोजन बेहद सादगी से संपन्न करने की तैयारी है।
एशिया का यह दूसरा सबसे महत्वपूर्ण चर्च जशपुर में स्थित है। इसका निर्माण 1962 ई. में आरम्भ हुआ था और श्रद्धालुओं के लिए इसे 27 अक्टूबर, 1979 ई. को खोला गया था। इस चर्च में लोहे के सात पवित्र चिह्न भी बने हुए हैं, जो पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। स्थानीय लोगों में इस चर्च के प्रति बड़ी श्रद्धा है और वह पूजा करने के लिए प्रतिदिन यहां आते हैं। यह चर्च बड़ा खूबसूरत है। इसका नाम रोजरी की महारानी चर्च है। जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर कुनकुरी में बसा ये चर्च वास्तुकला का अदभुत नमूना है। क्रिसमस आते ही चर्च की रौनक कई गुना बढ़ जाती है। चर्च की कई विशेषताएं हैं, जिसमें सबसे खास बात ये है कि यह विशालकाय भवन केवल एक पिलर पर टिका हुआ है।
महागिरिजाघर के प्रवक्ता प्रफुल्ल बड़ा ने बताया कि इस बार क्रिसमस की तैयारियों में कोरेाना से बचने के सारे मापदंडों के हिसाब से तैयारी की जा रही हैं। चर्च में शारीरिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग ) का पालन करते हुए प्रार्थना की जाएगी। उन्होंने बताया, महागिरजाघर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। सिर्फ पुरोहित ही क्रिसमस की प्रार्थना करेंगे। लोगों के लिए लोयला स्कूल, होलीक्रॉस अस्पताल और संत अन्ना प्रॉविन्सलेट में प्रार्थना सभाओं की व्यवस्था की जा रही है।