छठ पूजा : आज डूबते सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य
दिल्ली : लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है और आज डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाए जाने वाले इस पर्व में संतान की लंबी आयु और परिवार की समृद्धि की कामना के साथ व्रतधारी महिलाएं और पुरुष भगवान सूर्य की उपासना करते हैं।
बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड ही नहीं बल्कि देश के उन सभी हिस्सों में जहां बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग रहते हैं, इस पर्व को धूम-धाम से मनाया जाता है । छठ पर्व के समय दिल्ली और पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में तो बिल्कुल बिहार जैसी छटा रहती है ।
नहाय-खाय के साथ छठ पूजा की शुरुआत हो जाती है । इसके अगले दिन खरना और तीसरे दिन शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसलिए इसे अस्ताचलगामी सूर्य अर्घ्य भी कहा जाता है।
व्रती महिलाएं और पुरुष आज छठ घाटों पर एकत्रित होकर संध्या के समय सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करेंगे। इस दौरान व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना, नारियल सहित अन्य प्रसाद सामग्रियों से सूर्य देव की उपासना करेंगे ।
आज सूर्यास्त का समय शाम पांच बजकर 31 मिनट पर है, इसी समय पर सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद कल यानि शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और इसके साथ ही छठ पूजा का समापन हो जाएगा ।
इस पर्व के दौरान बांस के डलिया, जिसे ‘डाला’ कहते हैं, का विशेष महत्व होता है। इस डलिया में छठ पूजा से जुड़ी सभी सामग्री रखी जाती है और इसे सिर पर रखकर छठ घाट तक ले जाया जाता है।
छठ पूजा का धार्मिक ही नहीं बल्कि गहरा सांस्कृतिक महत्व भी है। छठ पूजा का यह त्यौहार लोगों को अपने परिवार से जोड़ता है, क्योंकि इस समय अलग-अलग जगहों पर रोजी-रोटी के लिए रह रहे लोग बड़ी संख्या में अपने-अपने घर आते हैं ।