नई दिल्ली, 18 दिसम्बर (हि.स.) । दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वो जेबीटी भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की जल्द रिहाई की मांग करने वाली अर्जी पर नए सिरे से विचार करे। हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के पहले के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें उसने चौटाला की समय पूर्व रिहाई की मांग को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने इस मामले पर पिछले 26 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
चौटाला ने उम्र और ख़राब सेहत का हवाला दे कर समय से पहले रिहाई की गुहार लगाई थी।चौटाला ने केंद्र सरकार के उस नोटिफिकेशन का हवाला दिया था जिसमें 60 वर्ष के ऊपर के पुरुष कैदियों की रिहाई की बात कही गई है।
चौटाला की ओर से कहा गया था कि केंद्र सरकार के विशेष माफी संबंधी नोटिफिकेशन के तहत 60 साल के ऊपर के पुरुष कैदियों, 55 साल के ऊपर की महिला और ट्रांसजेंडर कैदियों की रिहाई की बात कही गई है जिन्होंने अपनी सजा की आधी अवधि पूरी कर ली है। इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि 70 फीसदी से ज्यादा उन दिव्यांगों की भी रिहाई की जा सकती है जिन्होंने अपनी सजा की आधी अवधि पूरी कर ली है।
अमित साहनी ने कहा था कि चौटाला को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दस साल की सजा मिली है। उन्होंने कहा कि चौटाला की उम्र 83 वर्ष हो चुकी है और वे अप्रैल 2013 तक 60 फीसदी स्थायी दिव्यांगता है। उसके बाद जून 2013 में उन्हें पेसमेकर लगाया गया जिसके बाद वे 70 फीसदी दिव्यांगता के शिकार हैं। इसलिए नोटिफिकेशन के मुताबिक वे दो वर्गों में रिहाई के हकदार हैं।
चौटाला जूनियर बेसिक ट्रेनिंग टीचर्स की भर्ती के घोटाले में दोषी करार दिए जाने के बाद दस साल की कैद की सजा काट रहे हैं । उनके साथ ही उनके पुत्र अजय चौटाला और तीन अन्य दोषी भी दस साल कैद की सजा काट रहे हैं ।