छत्तीसगढ़ सरकार ने ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ लांच की
रायपुर, 21 मई (हि.स.)। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी के शहादत दिवस पर गुरुवार को छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों के लिए ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ शुरू की है। दिल्ली से कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्रिमंडल के सदस्यों ने मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में दोपहर स्वर्गीय राजीव गांधी के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद किसानों को दी जाने वाली 5700 करोड़ रुपये की राशि की प्रथम किश्त के रूप में 1500 करोड़ रुपये कृषकों के खातों में ऑनलाइन अंतरण की गई। कार्यक्रम में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा सहित विभिन्न जिलों से सांसद पीएल पुनिया, विधायक अन्य जनप्रतिनिधि, किसान और विभिन्न योजनाओं के हितग्राही भी वीडियो कांफ्रेसिंग से जुड़े।
मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम के आरंभ में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के संबंध में कहा कि छत्तीसगढ़ देश में पहला ऐसा राज्य है जो किसानों को सीधे तौर पर बैंक खातों में राशि ट्रांसफर कर 5700 करोड़ रुपये की राहत प्रदान कर रहा है। कोरोना संकट के काल में इस योजना का उद्देश्य फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करना और किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाना है। इस अवसर पर जिला मुख्यालयों में उपस्थित योजना के हितग्राहियों के साथ ही महिला स्व-सहायता समूहों के सदस्यों, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और लघु वनोपज के हितग्राही तथा गन्ना और मक्का उत्पादक किसानों से वीडियो कांफ्रेसिंग से जरिए चर्चा भी की गई।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने तथा कृषि के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित करने लिए यह महत्वाकांक्षी योजना लागू की जा रही है। इस योजना से न केवल प्रदेश में फसल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि किसानों को उनकी उपज का सही दाम भी मिलेगा। इस योजना के तहत प्रदेश के 19 लाख किसानों को 5700 करोड़ रुपये की राशि चार किश्तों में सीधे उनके खातों में अंतरित की जा रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस योजना के जरिए किसानों को खेती किसानी के लिए प्रोत्साहित करने के लिए खरीफ 2019 से धान तथा मक्का लगाने वाले किसानों को सहकारी समिति के माध्यम से उपार्जित मात्रा के आधार पर अधिकतम 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से अनुपातिक रूप से आदान सहायता राशि दी जाएगी। इस योजना के तहत धान की फसल के लिए 18 लाख 34 हजार 834 किसानों को प्रथम किश्त के रूप में 1500-1500 करोड़ रुपये दिए जायेंगे। इस योजना से प्रदेश के 9 लाख 53 हजार 706 सीमांत कृषक, 5 लाख 60 हजार 284 लघु कृषक और 3 लाख 20 हजार 844 बड़े किसान लाभान्वित होंगे।