कठुआ 09 नवंबर (हि.स.)। लोक आस्था का महापर्व छठ नहाय खाय के साथ शुरू हो गया है। कठुआ शहर में स्थित प्रसिद्ध इकाई सीटीएम सहित अन्य इकाइयों में रहने वाले बाहरी राज्य के लोग यह पर्व धूमधाम से मनाते हैं। वही कठुआ शहर के बीचोबीच निकलने वाली नहर के किनारे बने घाट को सीटीएम प्रबंधन की ओर से साफ सफाई करवा कर वहां पर व्रती महिलाओं के लिए टेंट की सुविधा लगा दी गई है। क्योंकि बुधवार शाम को व्रति महिलाएं इसी घाट पर आकर छठी मैया की पूजा अर्चना करती हैं।
मंगलवार को लोग व्रती छठ का दूसरा दिन खरना कर रहे हैं। इस अवसर पर छठी मैया को खुश करने के लिए हर व्रती प्रसाद में चार चीजें बनाती हैं। कठुआ की इंदू देवी एक व्रती महिला ने बताया कि इस दिन व्रती सुबह से निर्जला व्रत रखकर शाम को मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ और चावल की खीर बनाती है। उन्होंने बताया कि खीर के साथ रोटी भी बनती है, रोटी और खीर के साथ मौसमी फल केला जरूर शामिल किया जाता है और मिठाई के साथ एक केले के पत्ते पर रखकर छठ माता को चढ़ाया जाता है। इसके बाद व्रती खुद भी इस प्रसाद को ग्रहण करके परिवार के बाकी लोगों को भी प्रसाद बांटती है।
उन्होंने बताया कि यह प्रसाद चूल्हें पर आम की लकड़ियों को जलाकर ही बनाया जाता है। वहीं बुधवार को व्रती संध्या अर्घ्य के लिए नहर पर जाएंगी। इस वर्ष डूबते सूर्य को दिया जाने वाला संध्या अर्घ्य 10 नवंबर दिन बुधवार को है। जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होता है। इसी दिन छठी मैया की विशेष पूजा भी होती है। इसी प्रकार ऊषा अर्घ्य और पारण- इस वर्ष छठ पर्व में ऊषा अर्घ्य और पारण 11 नवंबर दिन गुरूवार को है, जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को होता है।