नई दिल्ली, 02 सितम्बर (हि.स.)। चंद्रयान-2 ने रविवार को शाम 6.21 बजे चंद्रमा की पांचवीं कक्षा में प्रवेश कर लिया है। चंद्रयान-2 ने चौथी कक्षा में आगे बढ़ने की प्रक्रिया शुक्रवार को पूरी की थी, जिसके बाद रविवार को आखिरी मेन्युवर यानी प्रक्रिया को पूरा कर लिया। इस सफल कामयाबी के बाद अब 2 सितम्बर को ओर्बिटर से लैंडर विक्रम को अलग किया जाएगा और 7 सितम्बर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करेगा। चंद्रयान-2 मिशन की चंद्रमा पर लैडिंग के ऐतिहासिक पल की गवाह लखनऊ की एक राशि वर्मा भी बनेगी। राशि वर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इसरो से चंद्रयान-2 की लाइव लैडिंग का नजारा भी देखेगी। उन्हें ये मौका इसरो की प्रतियोगिता में कामयाबी के बाद मिला है। चन्द्रयान-2 को इसरो के वैज्ञानिकों ने 30 अगस्त की शाम को 6.18 बजे चांद तक पहुंचने के चौथे पायदान पर पहुंचा दिया था। चांद के चारों तरफ 126 किमी. की एपोजी (चांद से सबसे कम दूरी) और 164 किमी की पेरीजी (चांद से ज्यादा दूरी) में चक्कर काटने के बाद रविवार को शाम 06 बजकर 21 मिनट पर चन्द्रयान-2 चंद्रमा की पांचवी कक्षा में प्रवेश कर गया है। कक्षा बदलने में इसे 52 सेकंड का वक्त लगा। इस कक्षा की चांद से न्यूनतम दूरी मात्र 109 किलोमीटर है। इसरो ने जानकारी दी है कि सफलतापर्वक सामान्य परिस्थितियों में यह महत्वपूर्ण पड़ाव पार कर लिया गया है। अब सोमवार को ऑर्बिटर से लैंडर विक्रम को अलग किया जाएगा। इसरो वैज्ञानिक विक्रम लैंडर को 4 सितम्बर को चांद के सबसे नजदीकी कक्षा में पहुंचाएंगे। अगले तीन दिनों तक विक्रम लैंडर इसी कक्षा में चांद का चक्कर लगाता रहेगा। इस दौरान इसरो वैज्ञानिक विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के सेहत की जांच करते रहेंगे। उसके बाद सात सितम्बर को फाइनल लैंडिंग की जाएगी। सात सितम्बर को सुबह 1:55 बजे लैंडर चंद्रमा के साउथ पोल पर सतह पर लैंड करेगा। चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले लैंडर संबंधी दो कक्षीय प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाएगा।