नई दिल्ली, 12 मई (हि.स.)। केंद्र सरकार ने मंगलवार को दिल्ली बार काउंसिल (बीसीडी) की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट से कहा कि केंद्र सरकार एनसीआर में रहने वाले वकीलों को दिल्ली में उनके दफ्तर और कोर्ट में आने के लिए सीमा में प्रवेश करने की अनुमति देने के मामले को सुलझाने के लिए प्रयास करेगी।
दिल्ली बार काउंसिल (बीसीडी) के चेयरमैन केसी मित्तल की ओर से दायर याचिका में मांग की गई थी कि कि वकीलों को दिल्ली के बाहर जाने और दिल्ली के बाहर से आने की अनुमति देने के लिए दिशा-निर्देश जारी किये जाएं। सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल मनिंदर आचार्य ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार इस समस्या को सुलझाने की कोशिश करेगी कि वकीलों को दिल्ली में अपने दफ्तर और कोर्ट में आने के लिए यूपी और हरियाणा की सीमा से आने-जाने की अनुमति दी जाए।
केसी मित्तल की ओर से कहा गया कि हरियाणा सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दिल्ली की सीमा से आने-जाने पर रोक लगा दी गई है। इस वजह से एनसीआर में रहने वाले वकीलों को कोर्ट और अपने दफ्तर आना संभव नहीं है। याचिका में कहा गया था कि गृह मंत्रालय के हालिया दिशा-निर्देश में निजी कंपनियों के कर्मचारियों को सीमित क्षमता में जाने की अनुमति दे दी है। दिल्ली सरकार ने भी 8 मई को एक बयान जारी कर कहा था कि चार्टर्ड अकाउंटेंट और वकीलों को अपने दफ्तरों में जाने से नहीं रोका जाएगा।
याचिका में कहा गया था कि जब दिल्ली में रहनेवाले वकीलों को उनके दफ्तरों में जाने की अनुमति है तो एनसीआर में रहनेवाले वकीलों को मना क्यों किया जा सकता है। एनसीआर में रहनेवाले वकीलों को यूपी और हरियाणा सरकारों की ओर से रोका जाना संविधान की धारा 19(1)(डी) और 301 का उल्लंघन है। दोनों राज्यों के आदेश मनमाने और गैरकानूनी हैं।
याचिका में कहा गया था कि यूपी और हरियाणा में रहनेवाले वकीलों को दिल्ली आकर अपना काम करने से नहीं रोका जा सकता है। याचिका में कहा गया था कि वकीलों को एनसीआर से दिल्ली में आने और जाने के लिए बार काउंसिल का पहचान पत्र देखकर जाने की अनुमति देने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए।
उल्लेखनीय है कि पिछली 4 मई को दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल को पत्र लिखकर मांग की थी कि दिल्ली के बाहर रहनेवाले वकीलों को दिल्ली की सीमा में प्रवेश करने की अनुमति देने के लिए दिशा-निर्देश जारी करें।