नई दिल्ली, 25 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय सर्तकता आयोग (सीवीसी) ने 50 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक फ्रॉड की जांच के लिए एक नया बोर्ड गठित किया है। नवगठित इस बोर्ड का नाम एडवायजरी बोर्ड फॉर बैंक फ्रॉड्स (एबीबीएफ) रखा गया है। इस बोर्ड का प्रमुख पूर्व सतर्कता आयुक्त टीएम भसीन को बनाया गया है। ये बोर्ड जांच के बाद जरूरी कार्रवाई के लिए सिफारिश करेगा। यह नया बोर्ड पुराने एडवायजरी बोर्ड ऑफ बैंक, कॉमर्शियल एंड फाइनेंस फ्रॉड्स की जगह लेगा।
सर्तकता आयोग की ओर से रविवार को जारी बयान कहा गया है कि एबीबीएफ का गठन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की सलाह के बाद किया गया है, जो बड़े फ्रॉड के मामलों में ये बोर्ड पहले जांच करेगा। इसके बाद ये संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की जांच एजेंसी को अपनी सिफारिश करेगा।
बयान के अनुसार यह चार सदस्यीय बोर्ड केवल उन मामलों की जांच करेगा, जिनमें बैंक के जनरल मैनेजर स्तर के अफसर पर धोखाधड़ी का आरोप होगा। इसमें कर्जदाता या बैंक 50 करोड़ रुपए से अधिक फ्रॉड के सभी मामलों की जानकारी देंगे। बोर्ड की सिफारिश या सलाह के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा बैंकों से जुड़े केसों तकनीकी, दिक्कत और किसी अन्य परेशानी पर केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) भी ऐसे मामलों को बोर्ड को भेज सकेगी।
इस बोर्ड में पूर्व सतर्कता आयुक्त टीएम भसीन के अलावा पूर्व शहरी विकास सचिव मधुसूदन प्रसाद, बीएसएफ के पूर्व डीजी डीके पाठक और आंध्रा बैंक के पूर्व एमडी-सीईओ सुरेश एन पटेल को शामिल किया गया है। इस बोर्ड के चेयरमैन और अन्य सदस्यों का कार्यकाल 2 साल का होगा, जो 21 अगस्त, 2019 से लागू होगा।