नई दिल्ली, 28 सितम्बर (हि.स.)। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 15 सीनियर रैंक के अधिकारियों को भ्रष्टाचार के मामले में शुक्रवार को जबरन रिटायर कर दिया। इन सभी अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के अलावा कई अन्य मामले भी थे। सेवानृवित किए गए सभी 15 अधिकारी सीबीआई की गिरफ्त में भी आए थे। इनमें आयकर आयुक्त (सीआईटी), सीआईटी, जूनियर सीआईटी, सीआईटी आयुक्त का पद संभाले अधिकारी शामिल थे।
गौरतलब है कि इस साल जून महीने में भी भारतीय राजस्व सेवा के 27 अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया था। इन अधिकारियों में (सीबीडीटी) के 12 अधिकारी भी शामिल थे। इन सभी अधिकारियों का नाम भ्रष्टाचार में शामिल था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को लालकिले की प्राचीर से दिए गए भाषण में भी टैक्स अधिकारियों की ओर से उत्पीड़न पर चिंता जताई थी।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने जिन अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्त किया है उनमें ज्यादातर, करीब आधे अधिकारियों को कथित तौर पर अवैध रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। इनमें से एक अधिकारी को तो 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया। वहीं, एक अधिकारी के पास उसके ज्ञात आय के स्रोतों से अधिक संपत्ति पाई गई।