नई दिल्ली, 16 नवम्बर (हि.स.)। सैन्य बलों के प्रमुख (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को तीनों सेनाओं के एक साथ युद्ध लड़ने के लिए एकीकरण और रोडमैप के पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने पुणे के मिलिट्री इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में टेक्निकल स्टाफ कोर्स के 142 त्रि-सेवा अधिकारियों के साथ ‘भारतीय सशस्त्र बलों के थियेटर’ पर वार्ता की। सीडीएस ने नागपुर में रक्षा प्रतिष्ठानों का दौरा किया।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत स्वदेशी निजी रक्षा निर्माताओं की परियोजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने नागपुर की कंपनी इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (ईईएल) का भी दौरा किया। इस दौरान उन्हें कंपनी में विकसित किए जा रहे नवीनतम उत्पादों के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें मल्टी-मोड हैंड ग्रेनेड और विभिन्न प्रकार के अन्य विस्फोटक, मिसाइल तथा सशस्त्र ड्रोन शामिल हैं। उन्हें ईईएल के अध्यक्ष सत्यनारायण नुवाल ने विभिन्न विनिर्माण सुविधाओं के बारे में जानकारी दी।
सीडीएस के आगमन पर उत्तर महाराष्ट्र की मेंटेनेंस कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) और वायु अधिकारी कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल शशिकर चौधरी, गुजरात सब एरिया के मेजर जनरल दिनेश हुड्डा ने उनका स्वागत किया। ईईएल का दौरा करने के बाद सीडीएस ने नागपुर में एयरफोर्स मेंटेनेंस कमांड का दौरा किया। एयर मार्शल शशिकर चौधरी ने उन्हें विभिन्न प्रकार के एयरक्राफ्ट तथा वायुसेना के उपकरणों की हर समय उपयुक्तता सुनिश्चित करने के लिए कमांड की भूमिकाओं के बारे में जानकारी दी।
बाद में मेजर जनरल दिनेश हुड्डा ने सीडीएस को पूर्व सैनिकों के कल्याण और मानवीय सहायता तथा आपदा राहत (एचएडीआर) कार्यों के दौरान राहत प्रदान करने में सक्रिय भूमिका के बारे में जानकारी दी। सीडीएस को बाद में मार्च, 2018 में मुंबई से नागपुर में स्थानांतरित होने के बाद के फॉर्मेशन के बुनियादी ढांचे के विकास, पारिस्थितिक कार्यों और गठन द्वारा की गई अन्य पहलों को दिखाया गया।