नई दिल्ली, 14 दिसम्बर (हि.स.)। सैन्य बलों के प्रमुख (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारतीय सेना चीन और पाकिस्तान से एक साथ निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। सेना को 15 दिन के पूर्ण युद्ध के लिए गोला-बारूद का स्टॉक इकट्ठा करने का अधिकार दिए जाने के मुद्दे पर सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सभी बलों को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। पहले सेना 10 दिन का स्टॉक रख सकती थी लेकिन लद्दाख में चीन से तनाव के बीच भारतीय सेना ने अब युद्ध की तैयारी को बढ़ा दी है।
नौसेना के लिए स्टील्थ फ्रिगेट के जलावतरण के बाद पत्रकारों से बात करते हुए रावत ने कहा कि हम पूरी तरह से तैयार हैं और किसी भी विपरीत परिस्थिति का सामना कर सकते हैं। जनरल विपिन रावत से जब पाकिस्तान द्वारा लगातार किए जाने वाले सीजफायर को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि दूसरे पक्ष को अधिक चिंतित होना चाहिए। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम किसी भी घटना के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, जिसका हमें सामना करना पड़ सकता है। सशस्त्र बलों को 15 दिन के पूर्ण युद्ध के लिए गोला-बारूद का स्टॉक इकट्ठा करने का अधिकार देकर किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।
चीन की तरफ से वास्तविक नियंत्रण रेखा की वस्तुस्थिति बदलने की कोशिश के चलते एलएसी पर सशस्त्र बलों की उच्च स्तरीय तैनाती करना जरूरी हो गया था। अब वहां भारतीय सेना चीन से पूरी तरह निपटने के लिए तैयार है क्योंकि सीमा पर तैनात भारतीय सुरक्षा बल धरती, आसमान या समुद्र में अपनी भूमि की सुरक्षा को लेकर कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि लद्दाख में हमारे साथ गतिरोध बने रहने के साथ ही चीन के स्वायत्त क्षेत्र तिब्बत में कुछ निर्माण गतिविधियां चल रही हैं, जिन पर भारत की नजर है। अपने सामरिक हित को देखते हुए हर देश अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैयारी करेगा।
बिपिन रावत ने कहा कि अब समय आ गया है कि भविष्य में युद्ध लड़ने की तकनीक को बदला जाए। हमें उत्तरी सीमाओं पर किसी भी खतरे या चुनौतियों का सामना करने के लिए पर्याप्त बल मिला है। हमने चीनी पक्ष के लद्दाख स्वायत्त में कुछ गतिविधियों पर ध्यान दिया है और हम इन सभी डेवलेपमेंट पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। हमने अपने पक्ष में कुछ कदम भी उठाए हैं, इसलिए हम किसी भी चुनौती से पूरी तरह से निपटने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि बल के आधार पर हम (भारत) और चीन बराबर हैं लेकिन अब हम तकनीक पर काम कर रहे हैं और सीमाएं सुरक्षित हैं। हमारे पास उत्तरी सीमाओं पर किसी भी खतरे या चुनौतियों का सामना करने के लिए पर्याप्त बल है।