नई दिल्ली, 14 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह पांच जनवरी को हुई हिंसा से संबंधित सीसीटीवी फुटेज दिल्ली पुलिस को सौंपे। कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को जल्द साक्ष्य उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह व्हाट्सऐप ग्रुप फ्रेंड्स ऑफ आरएसएस और युनिटी अगेंस्ट लेफ्ट के ग्रुप के सदस्यों के मोबाइल फोन तुरंत जब्त करें।
सोमवार को कोर्ट ने फेसबुक, गूगल और व्हाट्स एप्प को नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा था कि जेएनयू प्रशासन को सीसीटीवी फुटेज के साथ और अधिक जानकारी देने के लिए पत्र लिखा गया है लेकिन जेएनयू प्रशासन द्वारा अभी पत्र का कोई जवाब नहीं दिया है। याचिका जेएनयू के तीन प्रोफेसरों ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि घटना के दौरान के सीसीटीवी फुटेज, हिंसा से जुड़ी सूचनाएं और साक्ष्यों को संरक्षित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। याचिका में कहा गया था कि उन व्हाट्सऐप ग्रुप की सूचनाओं को संरक्षित किया जाए, जिनके जरिये इस हमले की योजना बनाने का संदेह है। याचिका में कहा गया था कि उन्हें आशंका है कि प्रशासन के सहयोग से इन साक्ष्यों नष्ट किया जा सकता है।
गौरतलब है कि पांच जनवरी को जेएनयू में हुई हिंसा में कुछ नकाबपोश लोगों का हाथ होने की आंशका जाहिर की जा रही है। पुलिस ने अभी इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं की है।